Shikha Singh  
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Joined 15 July 2018


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25 JUN AT 0:42

इजहार-ए-मोहब्बत की हसीं शुरुआत क्यों नहीं करते,,
दिल को जिसकी हसरत है बहुत,, तुम वो बात हमसे
क्यों नहीं करते..!!

किन खयालों में खोये रहते हो तुम दिन रात,,
बयाँ दिल के जज्बात हमसे क्यों नहीं करते...!!

भीगना चाहता है दिल सिर्फ तुम्हारे प्यार की बारिश में
तुम अपने इश्क़ की बरसात हमपे क्यों नही करते..!!

बेचैन से रहते हो तुम भी हमसे दूर रहकर,,
तो फिर हमसे कभी मुलाक़ात क्यों नही करते...!!

सुना है तुमने मेरा नाम लिखवाया है अपने हाँथ पर
अगर झूठ है ये तो फिर आगे अपना हाथ क्यों नही
करते...!!

मंजिल हम दोनों की जब एक ही है तो फिर उम्र भर के
लिए सफर साथ क्यों नहीं करते..!!
शिखा
season of poem

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8 FEB AT 23:36

मोहब्बत को कब फरवरी का इंतज़ार रहा है
इश्क़ का तो हर मौसम ही बहार रहा है
शिखा
Happy Vasant 💐💐
Happy February

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8 FEB AT 23:25

मोहब्बत को कब फरवरी का इंतज़ार रहा है
इश्क़ का तो हर मौसम ही बहार रहा है
शिखा
Happy Vasant 💐💐
Happy February

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2 FEB AT 14:27

कुछ पतझड़ कुछ वसंत सा
जाती सर्दी के अंत सा
कुछ सेमल के फूलों पर बिखरे
नारंगी, केसरिया, रंग सा
उपवन के सब पेड़ों से
चिड़ियों के गहरे संग सा
कुछ सूखे, कुछ हरे..पत्तों के
प्रसंग सा
ये फरवरी का मौसम
है बड़ा खुशरंग सा
शिखा

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26 JAN AT 14:11

चारों तरफ गूंजती आवाज वंदेमातरम्,,
है धमनियों में रक्त जब तक, सब काज
वंदेमातरम् !!
शौर्य वंदेमातरम्,, संघर्ष वंदेमातरम्
जश्न है ये जीत का, निष्कर्ष वंदेमातरम्
सरहदों पे बज रही झंकार वंदेमातरम्,,
है देश में एकता की पुकार वंदेमातरम्!!
वार करती दुश्मनों पे, तलवार वंदेमातरम्,,
ये राष्ट्र वंदेमातरम् संसार वंदेमातरम्!!
जय भारत...🇮🇳🇮🇳🇮🇳
शिखा

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26 DEC 2024 AT 21:21

अभिलाषाओं का अंत नहीं
दिवास्वप्न पलकों पर भारी है,,
अपनो की अपनो से बाजी
जीत हार की जारी है..!!
तूफानों से घिरा हुआ है
ये नश्वर संसार,,
फिर भी बीच भँवर में हमने
आशाओं की नाँव उतारी है..??
हम रोज कलिंग जीतकर रोज
बुद्ध हो जाते हैं,,
इसी बात का अंतर्मन में द्वंद
निरन्तर जारी है..??
अहंकार के वशीभूत हो मानव से
मानवता हारी है,,
फिर जीवन का जीवन से प्रति क्षण
संघर्ष निरंतर जारी है..!!
शिखा

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29 SEP 2024 AT 23:28

मैं बेहद सादगी पसंद
इंसान हूं...
दुनिया के दिखावटी लोगों के साथ
मेरी ज्यादा बनती नहीं है...!

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6 SEP 2024 AT 20:50

सितंबर की ठंडी सुबह
के साथ धरती पर बिखरी
चंचल सुनहरी किरणें,,
बादलों में सिमटते
सूरज की मंद लालिमा,,
हवाओं में नमी के साथ
बेला की भीनी सी महक,,
सर्द मौसम की सुहानी सी
शुरुआत हो जैसे,,,...
स्वागत है सितंबर...!!
शिखा

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1 SEP 2024 AT 23:13

नम हवाएं,, सुबह ओस की बरसात,,
सितम्बर की गलियां और तुम्हारा साथ,,
खूबसूरत से मौसम की बहुत सुहानी सी
शुरुआत,,
शुभ सितम्बर...💐💐
शिखा

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1 SEP 2024 AT 4:52

सितंबर की पहली ठंडी सुबह,,
सिमटते बादलों के बीच से
झांकते सूरज की मंद लालिमा,,
धरती पर बिखरी सूरज की
चंचल सुनहरी किरणें,,
हवाओं में नमी के साथ
बेला की भीनी सी महक,,
सितंबर,,,..प्यारे से मौसम की
सुहानी सी शुरुआत है,,,
स्वागत है सितंबर...!!
शिखा

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