धार्मिक होने का सबूत इंसानों को नहीं, बल्कि उसी को देना है जो हमें देख रहा है देना है जो हमें देख रहा है, जो ईश्वर है जो सत्य है अंत सबका होना है आगे पीछे ये ही संसार का नियम है
इंसान अगर खुद को ईश्वर से बड़ा समझ ले, तो उसका अंत निश्चित है।
जो मिला है उसका शुक्र करो, जो नहीं मिला उसके लिए खुश रहो—बेहतर जरूर मिलेगा।
हर इंसान के भीतर एक छोटा-सा भगवान है, जो सिर्फ हमारे अच्छे कर्मों से जागता है।
इसलिए कभी किसी का बुरा मत सोचो, क्योंकि समय कब बदल जाए, कोई नहीं जानता।”
शिखा परी
#जन्माष्टमी2025-
Poet Heart
दुनिया जंग का मैदान बनी हुई है और कुदरत भी करारा जवाब देता ही जा रहा
शिखा परी अजनबी-
जहां चिंगारी हो वहां भड़काना बहुत सस्ता हो जाता है बारूद के गोले हो तो एक बुझी हुई माचिस की तीली भी धमाका करा सकती है
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पुरुष को हमेशा से ही यही सिखाया गया है कि रसोई में जाने से इज्जत कम होती है इसलिए वो जिंदगी भर औरत को पीसता है चक्की की तरह कि रसोई उसकी है? 😡
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जाने आजकल जबसे बचपन खोया है जो खुश हो जाता था छोटे छोटे खिलौनों से छोटी छोटी चीज़ों से अब खुश नहीं रहता मन अब जाने क्यों बड़ी बड़ी बातों से जाने क्यों हम बड़े हो गए हैं???
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मौत आने के तो बहुत से कारण बन सकते हैं पर जन्म लेने के लिए सिर्फ माँ की कोख ही हो सकती है माँ सिर्फ बच्चे को ही जन्म नहीं देती अपनी ज़िंदगी को भी चैलेंज देती है
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इंसान ख्वाहिशों से दबा हुआ एक खंडहर हो जाता है इमारतें इतनी ऊँची हो जाती है चाहतों कि वो खुद खोखला हो जाता है
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कोई खास नहीं है ये दुनिया तुम्हारे जाने के बाद भी माँ अभी भी सब उतने ही बेगाने हैं जैसे तुम सोचा करती थी -शिखा परी
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