Shikha Pandey   (Shikha✍️❤️)
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Shikha se Shikhar tak ❤️🖊️✨🧿🌈🙏
My Insta I'd 27shikha pandey
Joined 14 February 2021


Shikha se Shikhar tak ❤️🖊️✨🧿🌈🙏
My Insta I'd 27shikha pandey
Joined 14 February 2021
20 JUN AT 7:31

कुछ समझ नहीं आ रहा था
ये,मन किस और जा रहा था
लिखने बैठी जब कुछ शब्दों
को तो ये और उलझा रहा था
खामोशी में भी ये अपनी
अन्जानी आवाज को सुना रहा था
जो रह रह कर मुझे और सता रहा था
कहने को? लिखने को? बहुत कुछ है
मग़र
जो चुपके से मेरे कानों में अपने
नाम से शोर मचा रहा था

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17 JUN AT 10:20

जब आप उम्र के इस पडाव पर होते है,,
जहां ख़ुद को स्वीकार करना,,,
कभी कभी थोड़ा कठिन हो जाता है,,,
तब मन सोचता है,,माँ की तरह हमारी भी बारी आ गई,,
जो बढ़ती उम्र को बड़े अदब से गले लगा रही,,
गालों पर पड़ती जब झुर्रियाँ चेहरे पर झलकती है,,
तो अभी तक मिले अनुभवों से ख़ुद को दर्शाती हैं,,
बालों में आती सफ़ेदी भी थोड़ा बड़प्पन भी दिखाती हैं,,
उम्र बढ़ने के साथ साथ ये ख़ुद को अपनाती भी है,,
जैसी भी है,,वो अपने आप में संपूर्ण नज़र आती हैं,,
आँखों में आते काले घेरे से वो ख़ुद की कहानी बताती है,,,
जब स्वीकार कर लेती है,,
ख़ुद को तो और भी खूबसूरत नज़र आती हैं,,,
हर नारी अपनी उम्र के इस खूबसूरत पड़ाव पर,,
अपने बीते दशक को दिखाती है,,
लेके अपने साथ अनुभवों को
वो अगले सफ़र के लिए निकल जाती है,,
जहां अपने लिए फिर से खूबसूरत,,
कुछ ख्वाहिशों को मन के झरोंखो में सजाती है....

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16 JUN AT 8:39

Music ki dhun jab bajti hai,,
Tab zindgii bhi Kisi,,
Sur se kam nahin lagti hai,,
Aaspaas bajte hain sitaren,,
Jinmen ghole hain zazbaat saare,,,
Gungunati in fizaaon mein,,
Apni tasahn se chalo jab payare,,
Bas itna hi kehna,,,
Aaram se chalna kahin thokar,,
Lag na Jaye mere pyare,,
🤭😀🤣
Life always teching me like pyare.....
Itne twist and turn 🛞

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26 MAY AT 9:58

जब भी तेरे दर पे आती हूँ
ख़ाली हाथ वापस नहीं जाती हूँ
देता है
तू उम्मीद की रोशनी जो
ख़ुद के भीतर पाती हूं
होती है सुकून से बातेँ
जो आपके साथ दोहराती हूँ,
मन में जागे सवालों को
तुझको समर्पित कर जाती हूँ
जो कुछ भी पाया है तुझसे
तुझ को ही सौंप जाती हूँ

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31 MAR AT 22:48

लिखती हूँ
सोचती हूं
फ़िर मिटाती हूँ
अपनी लिखावट पर मैं
ख़ुद के निशान छोड़ जाती हूँ

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25 MAR AT 22:43

इस शहर की गलियों में कुछ ख़ास तो है
जो हर आहट को जानती है
यहां हवा भी ग़र रास्ता बदले
तो उस रूख पहचानती भी है
गुज़रते हुए वक़्त में
एक पल ऐसा नज़र आता है
जब ज़मी पर वो आंसमा उतर आता है
हाँ हमारे शहर में कभी कभी वो
चाँद नज़र आता है

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16 MAR AT 20:34

नारी में कुछ बात तो होती ही है
जो दर्द में भी एक ख़ाब सा सीती है
जिसके दामन में बिखरे हो मोती कई
उस मोती से वो माला को भी पिरोती है
कोमल होती है,,पर कमज़ोर नहीं
भाव मात्त्व का रखती है
हर नारी में इक झलक माँ की बस्ती है
जो हर घर की दुआओं में वास करती है
जिसकी किलकारी से घर आँगन गूंजती है
जो अपने आप में मुकम्मल होती है
नारी की कितनी पहचान होती है
जो एक अल्फाजों में सीमित नहीं होती
बनके जाने कितनों की प्रेरणा
वो कितनों को प्रेरित कर जाती है
संघर्षों की ताप पर चलकर
वो मिसाल कितनों के लिए बन जाती है
अपनी बनाई दुनिया में वो कितने किरदारों को जी जाती है
जो अपनी पहचान के लिए
ख़ुद अपनी तक़दीर को बनाती है
हर नारी को समर्पित

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2 FEB AT 12:35

या देवी सर्वभूतेषु विद्या रूपेण संस्थिता
नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमो नमः




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27 DEC 2024 AT 21:11

आईने में एक अक्स नजर आया
जो मुझे कुछ कहता फरमाया
बोला खुद को पहचाना तुमने
इस आईने के पीछे छुपे चेहरे को जाना तुमने
मैं हैरान परेशान बस निहारे जा रही थी
आईने के पीछे छुपे चेहरे का सच जान रही थी
फिर सच भी देखो कितना सच्चा निकला
अरे वो अक्स भी तो मेरे जैसा निकला

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11 DEC 2024 AT 17:52

कभी कभी तेरे आने की आहट होती है
फ़िर ठहरे हुए जज़्बात में
लहरों सी हलचल होती है
यूं तो ख़ामोशी में भी तो
कोई बात तो ज़रूर होती है
जो रूह को सुकून दे
ऐसी मोहब्बत भी क्या खूब होती है

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