"मुझे सोचना अच्छा लगता है
उन्हीं लम्हों में एक और बार जीना अच्छा लगता है
वैसी बातें कर के जो दिल को सुकून देती हो
उसे बार बार दोहराना अच्छा लगता है
जब कभी मन उलझ जाए तो
उन्हीं पलों को याद कर के मुस्काना अच्छा लगता है
अपने बचपन की कहानियां
बहनों संग बांटना अच्छा लगता है
एक दूसरे के शरारत को गिनवा कर
फ़िर ठहाके लगाकर हंस पड़ना अच्छा लगता है
कभी किसी के नादानियों पर
उसकी खिंचाई करना अच्छा लगता है
अपने अपने कारनामों के क़िस्से
एक दूसरे को सुनाना अच्छा लगता है
जब कोई उदास हो तो उसके पास
आकर उसे मनाना अच्छा लगता है
जब रात नींदों के बिना कटने लगे तो
उन्हीं लम्हों में खो जाना अच्छा लगता है
कभी कभी उसी बचपन में ख़ुद को
फ़िर से देखना अच्छा लगता है
मुझे सोचना अच्छा लगता है"!!!
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