Shikha   (सांवले शब्द)
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चंद्र प्रेम
ठहराव !
एकांत ❥
किताबें ♡
अनिर्मित सा मैं ✿
नीड़ का निर्माण 🪺
इतिश्री ।
Joined 12 August 2020


चंद्र प्रेम
ठहराव !
एकांत ❥
किताबें ♡
अनिर्मित सा मैं ✿
नीड़ का निर्माण 🪺
इतिश्री ।
Joined 12 August 2020
6 APR AT 13:17

सरल सी वो मुस्कान देखी है मैनें उसकी
सन्नाटों में वो अक्सर रोया है ,
कहता है मैं बिल्कुल ठीक हूं ;
मगर असलियत तो वह भी जानता है
कि उसने क्या खोया है।
अंधेरे की काली दीवारों की चादर
ओढ़ रखी है उसने
न जाने वो कब का सोया है।

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5 APR AT 13:42

Happy birthday Sarika
🎂💕🌸🎉



— % &May God bless you — % &— % &

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5 APR AT 13:13

दबी हुई हैं चीखें
इस चहारदीवारी में
हँसी संघर्ष कर रही है
बंद पड़ी दराजों से निकलने को।



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3 APR AT 21:47

देख सकती हूं
उस पार की दुनिया,
जहां आजाद हैं सभी
मानसिक बेड़ियों से
और जश्न मना रहे हैं।
वो सभी अपनी इस आजादी का
जैसे वे सभी आ गए हों स्वर्ग में ।

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26 MAR AT 15:35

जब तुम और मैं
मिलेंगे एक आखिरी बार
तुम तब भी मत करना
अपनी भावनाओं का इजहार!
मैं तुम्हें देखूंगी मेरे सामने
एक आखिरी बार खुद को
निष्क्रिय प्राणी सा दिखलाते हुए ।
उस क्षण के बाद से मैं भी
बन जाऊंगी भावहीन निष्क्रिय सी
और वो होगी एक आखिरी मुलाकात।

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24 MAR AT 23:40

सुनो लड़कों ,
तुम्हें भी हक है
अपने मनोभाव व्यक्त करने का ।

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17 MAR AT 10:30

"मैंने देखे हैं परिपक्व इंसानों के झुर्रियों से भरे हंसते हुए मासूम से चेहरे ,
जिनमें समा चुका है समस्त त्याग , इच्छाएं और समर्पण ।"

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16 MAR AT 20:53

कुछ कुछ चीज़े आधी अधूरी
ही अच्छी लगती हैं,
जैसे उस पूर्ण चंद्र के समक्ष
खूबसूरत लगता है अर्द्ध चंद्र भी ।
मैंने देखा आज,
अर्द्ध चंद्र में तुम्हारा अक्श।
चांद साक्षी होता है
सभी प्रेमियों के सुखद अहसासों का
और विरह में जी रहे सभी दुखद क्षणों का ।


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12 MAR AT 21:19


प्रेम रूपी सागर में
विरह ,वेदना ,सुकून,
मुस्कान , कुछ सुंदर क्षण
सब समाहित है ।
सबके हिस्से आते हैं
सारे क्षण, मनोभाव।




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7 MAR AT 21:12

जर्जर हो चुकी बेड़ियों में,
जकड़े हुए थे उसके हाथ पांव,
न थी उसमें इतनी शक्ति
कि आजाद कर सके स्वयं को
वो उन जंग लगी सांखलों से ।

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