_____"एक नारी का साथ है बाकी"____
हो सशक्त तुम फिर भी एक कमी है हावी,
नारी को एक दूसरी नारी का साथ है बाकी ।
कभी कहती हो लड़की हुई है बना के मुंह,
बस यहां खुश होकर लक्ष्मी आई कहना है बाकी।
कभी कहती हो बहू है पराई,
पराया बनाया है जो,
उसे अपना के बेटी सा बनाना है बाकी।
कभी कहती हो छोड़ो, ये काम तुम्हारा नहीं,
काम है ये पुरुषों का ये मानना है अभी हावी,
तुम भी कर सकती हो, ये कहना है अभी बाकी।
कभी कहती हो ऑफिस जाए तो पहले रोटी पके,
और आए तो घर भी सजे,
ये आश छोड़ना है बाकी।
कभी कहती हो कब होगी शादी, कब गूंजे किलकारी,
एक से मन भरे नहीं, फिर इंतजार दूसरी किलकारी।
ये बोलने की जगह कुछ अच्छा करो, तरक्की करो, ये सुनना है अभी बाकी।
हाथ थामने की जगह अपेक्षा हो रही है हावी,
हाथ छोड़ने का नहीं साथ देने का समय है बाकी।
हो सशक्त तुम फिर भी एक कमी है हावी,
नारी को एक दूसरी नारी का साथ है बाकी।
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