हालात कह रही ,अब मुलाकात
नहीं होगी......😔
उम्मीद कह रही, थोड़ा और
इंतज़ार कर......😏-
कैसे कहें कि कैसे हैं,
बस यूं... समझ लीजिए ,
कि जैसे तैसे हैं........-
चलो मजनू सा हाल करते हैं,
पर इसबार...... मुहब्बत लैला से नहीं, अपने मंजिल से होगी🏅-
अब कलम नहीं चलती, या ख्याल नहीं आते,
चाहत होती मिलने की, तो घर के बाहर तो सही आते,
खुद से उम्मीद छोड़ने को कहा, यहां हम उनकी पहचान लिए बैठें है,
ये सब कहकर न जाने कैसे होंगे वो, हम तो यहां हथेली पर जान लिए बैठें हैं
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चलो इस रात
के नाम पर एक
ख़त लिखते हैं,
कोश लिया इस
जमाने को
बहुत,
अब रात के अंधेरे
में भी जुगुनुवो से
रास्ता खोजना
सीखते हैं....-
थें, वो हमारे ही, पर अब किसी और के हैं, अब बताओ क्या करें...
उनके हांथो में होती थी हाथ हमारे ही।,पर अब किसी और के हैं, अब बताओ क्या करें..
हाल कुछ ऐसा है कि प्यास भी गजब की है, और जहरीली है पानी
अहम रोल है उनका मेरे जिंदगी के किरदार में, और उन्हें पता ही नहीं मेरी कहानी,
थें सारे हक उनपर हमारे ही, पर अब किसी और के हैं , अब बताओ क्या करें,
थें वो हमारे ही, पर अब किसी और के हैं, अब बताओ क्या करें,
उनकी मशुमियत देख मै अपने प्यार का इजहार करता न तो और क्या करता,
लगती हैं वो चांद सी, मै उनकी मुस्कुराहटों पर मारता न तो और क्या करता,
लोग कहते हैं हो गया है पागल तू, अब छोड़ गै वो ऐसे में मै नजनू सा हाल करता न तो और क्या करता,
दिल था उनका और धड़कने थी हमारे ही, पर अब किसी और के हैं, अब बताओ क्या करें,
थे वो हमारे ही पर अब किसी और के हैं, अब बताओ क्या करें....
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तुम्हें आज नहीं तो कल ,भुला देंगे
तुम्हारे साथ बिताए वह हर पल , भुला देंगे,
ना ही कभी मैंने तेरा दीदार किया
और ना ही कभी तेरा इंतजार किया,
ना ही मैंने तेरे लिए कभी अपने पलकों को बरसाया है,
और ना ही तूने कभी मुझे थोड़ी देर बात करने के लिए तरसाया है,
बस ये एक बात तुझसे कहना है,
अब दूर तुझसे रहें है,
तुझे देख जो दिल में हुई थी हलचल, भुला देंगे,
तुम्हे आज नहीं तो कल, भुला देंगे...
कांपने लगे मेरे हांथ ये सब लिखते लिखते,
न जाने क्या लिख चुका हू देखते देखते,
आयेगी तुम्हारी बारात तो बेशक अंशु बहा देंगे,
सुनो,... कोशिश तो थी आज की,पर आज नहीं... पर कल भुला देंगे......
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बे मतलब का एक मतलबी दिल में सवाल आया है,
बारिश हुई और फिर से आज, दिल में तेरा ख्याल आया है-
जो तेरा दीदार ना हो, तो ये आंख किस काम की
तेरी खुशबू को महसूस ना कर सकूं ,तो ये सांस किस काम की
जो तुम उठकर जाना चाहो, तो पीछे से मैं हाथ पकड लूंगा
नखरे तुम भी करना,.... मैं भी तुमसे थोड़ा झगड लूंगा,
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