Being WEIRD is a new classy,
Don't just fit in, make your own world...-
इन अंधेरों के बाद सूरज फिरसे मुस्कुराएगा,
रात के साए को जरा ढल तो जाने दो!!!-
दूरियाँ कितनी दरमियाँ कैसे समझाएं जनाब,
बस इतना समझ लीजिए वो पूर्णिमा का चाँद और मैं अमावस्या की रात!!!-
हर तरफ़ शोर है,
सुकून बस तेरे पास पाया है माँ!
बुरे वक़्त पे सब रूठने लगे,
बस एक तेरा मुस्कराता चेहरा सामने आया है माँ!
गिरते आँसू को सबने नज़रअंदाज किया,
एक तेरा आंचल ही काम आया है माँ!
सबने एक गलती पे ठुकरा दिया,
एक तूने ही हर गलती माफ़ कर गले लगाया है माँ!
जब जिंदगी से हारने लगी, तो
तूने ही फिरसे जीना सिखाया है माँ!-
कल एक झलक जिंदगी को देखा,
वो मुझे देख मुस्कुरा रही थी!
पूछा मैंने जिंदगी से मेरे अंदर ये कैसा शोर है?
थोड़ा रुककर बोली, तेरे हाथों मे तेरे सपनों का इतना बड़ा जो डोर है!
मैंने पूछा क्यू ख़फ़ा है तू मुझसे?
वो हंसकर बोली, जिंदगी हूँ ख़फ़ा नहीं तुझे जीना सीखा रही हूँ!
कल अर्से बाद मुझे सुकून मिला, जिंदगी मुझे अपनी हाथों से सहला रही हो!-
और फिर एक दिन उसके बिना भी जीना पड़ा ,
जिसके बिना जीना नामुमकिन लगता था !!!-
सारे चेहरे अजनबी थे उस शहर मे,
फिर जाने क्यूँ वो शख्स अपना सा लगा
!!!-
चुपचाप सी लगती है अब चीखें भी,
इसलिए ख़ामोशियों में आवाज ढूँढती हूँ!
बड़ी फिजूल सी है बातें अब तो,
इसलिए हर लफ़्ज़ मे एहसास ढूँढती हूँ!
रिश्ते अब खोखले से लगते है,
इसलिए हर इंसान में ज़ज्बात ढूँढती हूँ!
अब दिल की अदला-बदली का मन नहीं,
शयद इसलिए सच्चा यार ढूँढती हूँ!
मुझे शहर की चीखें नहीं पसन्द,
बस एक छोटा सा गाँव ढूँढती हूँ!-
फ़िर एक दिन ख्वाहिशों को मार कर,
मैंने भी मजबूरियों से दोस्ती कर ली!!!-