Sheshnath Pandey   (S N Pandey 'shyamala')
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Joined 13 April 2020


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Joined 13 April 2020
11 JAN 2023 AT 21:09

ये दोस्त, तुम्हे मेरे दुश्मनों की सफ़ आने की क्या जरूरत थी,
पुराने जख्मों को ताजा कराने की क्या जरूरत थी,
मैंने कितने मुस्किलों से अपने जेहन से मिटाया था उस शक्स को,
जो चेहरा भूला था वर्षों से उसे दिखाने के क्या जरूरत थी..








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10 JAN 2023 AT 22:52


ला इलाज बीमारी का इलाज चाहिए,
तुमको मोहब्बत में वफ़ा चाहिए,
अमीरों के लिए बनी ये चीज है इश्क,
तुम गरीब को इसे सस्ते में चाहिए...


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6 JAN 2023 AT 23:33

यादें कैद की हैं रूह को इस कदर,
जिस्म है यहीं और जान है कहीं किधर..

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6 JAN 2023 AT 23:29

यादें कैद की हैं रूह को इस कदर,
जिस्म है यहीं और जान है कहीं किधर..

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2 JAN 2023 AT 22:43


मैं जो उलझा इस सवाल में हूं,
कोई न पूछ ले किस हाल में हूं,
दूरियां हो गई है बहुत ज्यादा,
अब शायद किसी के ख्याल में हूं...


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26 JUL 2022 AT 22:36


सूखे झरनों वाला मंजर बस तुमने देखा है,
मैने इन दो आंखो में सात समुंदर देखा है,
कितना, कौन, मोहब्बत करता, इसका कोई पैमाना है ?
जिसने, जिससे, जितना किया, बस उतना ही जाना है..










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18 JUL 2022 AT 23:33



दोनो साथ चले होते तो मिलकर खुश रह लेते कुछ पल,
दर्द लिए वो भटक रहा है, इसको भी हमदर्द मिला ना..







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8 JUL 2022 AT 19:50



जितना इज्जत करोगे, उतना कमाओगे,
यही एक चीज है जो खैरात में नहीं बटती...





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8 JUL 2022 AT 19:41



मोहब्बत, वफा, दोस्ती सब में आजमाई जाती है,
हर किरदार की बोली, बारी बारी से लगाई जाती है,
सहज, सरल, नेकदिल, अच्छाई, सब किताबी बातें है,
अंधेरा होने पर, सूरज को भी दीये की कीमत बताई जाती है..




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6 JUL 2022 AT 21:44




खत्म हो गए जख्म पुराने, नए ने भी मुंह मोड़ा है,
खुद के दर्द को दर्द समझना, जबसे हमने छोड़ा है...







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