मेहनत की तू हुंकार भर
मन तू थोड़ा धीरज धर
कर्मों में आयेगा असर
शेष ना रख कोइ कसर
आलस्य में तू मत पसर
मन तू थोड़ा धीरज धर
सफलता से सजेगा घर
हरदिन बस प्रयास कर।
-
Shelly Upadhyay
(अल्पज्ञ@-)
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जो कुछ हूँ हिंदी से हूँ मैं,
जो हो लूँ हिंदी से हो लूँ।
शेष गुलामी के दागों को,
जब धो लूँ ... read more
जो हो लूँ हिंदी से हो लूँ।
शेष गुलामी के दागों को,
जब धो लूँ ... read more
Joined 24 March 2019
23 JAN AT 8:29
12 JAN AT 19:29
दुरियाँ भी हृदय में बढ़ा देती है नजदीकियाँ
हर राह को देखती हूँ अब टकटकी लगाकर
ख़त्म नहीं होती उनके लौटने तक ये दुरियाँ।-
12 JAN AT 19:16
विमल-विमल वैभवशालिनी विमला,
अक्षरमाला का आलोक है अलबेला।
शब्द सृष्टि सर्जनशालिनी माँसरस्वती,
भुवन भद्रंकर भव्यशालिनी माँभारती।-
11 JAN AT 18:04
क्या देश उन्नति करेगा शिक्षा से?
जीवन को मेरे मिलेगी नई दिशा
ज्ञान का प्रकाश फैलेगा शिक्षा से।
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10 JAN AT 16:57
माँ
जैसी ममता
अटूट अपनत्व समर्पण
निस्वार्थ स्नेह त्याग वात्सल्य
चुकता नहीं ममता का ऋण
ईश्वर ने माना ममता का महत्व
आये धरती पर लेकर वो भी बालरूप
माँ के समक्ष इठलाना तुतलाता बात-बात पर रोना
अपार वात्सल्य पाकर नतमस्तक हो गये माँ के समक्ष
ममता के ऑंचल में सब मनुष्यों का जीवन होता सफल।-