शेखर सागर   ('शेखर सागर')
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सब कुछ सही नहीं होता
पंरतु
सब कुछ गलत भी नहीं❌ होता.
Joined 12 May 2021


सब कुछ सही नहीं होता
पंरतु
सब कुछ गलत भी नहीं❌ होता.
Joined 12 May 2021
29 NOV 2022 AT 21:03

एक मुकाम हो,
जिसमें मेरा नाम हो..

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23 SEP 2022 AT 14:36

कोई मिले तो उसे गुलाब लिखूं
हर सवाल का उसे जवाब लिखूं
चाँद तारे तो सब लिखते है
मैं ही पागल जो उसे ख्वाब लिखूं
'शेखर सागर'

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27 APR 2022 AT 12:47

देखुं तुझे तो कोई चाँद नजर आया है
ये जो जुल्फें है तेरी कोइ मकां का साया है
तेरी हसरतों की इबादत करता रहूँ
क्यों कि यह सब सौदंर्य की माया हैं
'शेखर सागर'

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9 MAR 2022 AT 9:12

काटों से भरा ये गुलाब है
न जाने कितनो का ये ख्वाब है
कोई इसे तोड़ कर फेंक देते है पर
कईयो ने बनाया इसे अपना जवाब हैं..

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16 DEC 2021 AT 21:20

मुझे बात करने का अक्ल तो नहीं
पर तेरी बातों से सवर सकता हूँ मैं
तूम हाँ में हाँ मिलायेगी अगर
तो तेरी जिंदगी की राह से गुजर सकता हूँ मैं
'शेखर सागर'

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12 DEC 2021 AT 12:18

एक लम्हें में शुरुआत की थी
एक दायरे में खत्म हो गई
ये जिंदगी ही तो थी
मरहम लग लग कर नम हो गई..
'शेखर सागर'

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10 DEC 2021 AT 11:38

इस कदर चाहो मुझे
कि अपनी चाह मे सजाओ मुझे
चाहे जमाना कुछ भी कहें
अपनी चाहत बनाओ मुझे

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18 OCT 2021 AT 7:42

हर तस्वीर इरादें नहीं बताते
कभी न कभी शख्शियत बदल जाती हैं.

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24 AUG 2021 AT 15:27

इस खूबसूरत हुस्न पर गुरूर तो होगा ही
यु आँखों की तेरी अदाओं पर पिघलेगा ही
थोड़ा दसतरस खाया करों ये हसीनाओं
वरना तेरे प्यार में आशिक मरेगा ही.

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22 AUG 2021 AT 19:32

तेरा ही मुस्कुराना याद आता हैं
बाकी सब बर्बाद जाता हैं..

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