महसूस कुछ नहीं होता एहसास मर चुके हैं
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जो लिखकर बतानी हैं.
Ig:-shekhar.singh_
फिल्म चल रही हैं मानों एक और मैं खुश होने का किरदार निभाए जारा हूं.
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मैं कभी खुद को ही समझ नही आया
एक भीड़ का हिस्सा भी रहा
फिर भी खुद को अकेला पाया
शायद सही को भी गलत समझा
गलत भी मुझे सही लगा
मैं देखता रहा रिश्ते टूटते हुए सामने
बेबस मैं कभी कुछ कर ही नी पाया
कोशिश मैंने बहुत की समझाने की
अंत में थक हारकर खुद को ही गलत पाया
कितना कुछ रह गया मेरे दिल में
जो मैं कभी बोल ही नही पाया
एक अरसां बीता इन बातों को
फिर भी आज तक इनसे बाहर नही आया
मैं झूठ बोलता गया वो सच समझते गए
मैं दूर जाता रहा उन्हें एक ख्याल तक ना आया
शायद कभी ख्याल था भी नही
मैंने ही अपने मन में कहानियाँ बनाई
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ख़ामोशी ही समझ लेते हैं कुछ लोग
सब रिश्ते बोलने के मोहताज नही होते-
हो कुछ ऐसा तुम मेरे सामने आओ
फिर हो यूँ वक़्त ठहर जाए
मैं तुम्हारे हाथो को पकड़
अपने करीब तुम्हे ले आऊं
तुम्हारी नज़रे झुकी हो
मैं तुम्हे अपने सीने से लगाऊं
हमारी नज़रे एक दूसरे से मिले
तुम मुझे देखो मैं तुम्हे देखता जाऊ
फिर हो ऐसा मैं तुम्हारा माथा चूमूँ
उस दौरान तुम्हारी आँखे बन्द होगी
तब मैं तुम्हे ये एहसास दिल सकूँ
कितनी मौहब्बत हैं मुझे तुमसे-
मोह नही हैं मुझे तुमसे कोई
थामकर हाथ मेरा
इस अन्धकार से उजाले की तरफ ले चलो
ज़माने के गम से
चंद खुशियों की तरफ ले चलो
कोई रहे ना रहे
बस मेरे साथ तुम चलो-
जब वो सजती संवरती हैं खूबसूरत लगती हैं
जब उसके बाल कानो के पीछे से निकल कर
चेहरे पर आ गिरते हैं
वो उन्हें सँभालते हुए पीछे करती हैं
खूबसूरत लगती हैं
यूँ तो जरुरत नही उसको किसी सृंगार की
वो सूट की सादगी में ही खूबसूरत दिखती हैं
माथे पर बिन्दी लगाकर
कानों में झूम के पहनकर
जब वो मीठी सी हँसी हँसती हैं
खूबसूरत दिखती हैं-
कुछ बाते बुरी लगती हैं
बता दिया करो
कुछ महसूस होता हैं
जता दिया करो
दिल में रही बाते
अक्सर दूरियाँ बढ़ा देती हैं-
कोई तुम्हे अपनी तकलीफ बताए और तुम्हारे बहुत समझाने के बाद भी ना समझे तो तुम्हारा ये सोच लेना की इतना समझाया नही समझता हम क्या करे खुद ठीक हो जाएगा और फिर उसको अकेला छोड़ देना ऐसे रिश्तों का मकसद क्या हैं फिर ज़िन्दगी में होने का
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