shekhar sable   (shekhar)
190 Followers · 231 Following

read more
Joined 9 May 2020


read more
Joined 9 May 2020
26 OCT 2021 AT 14:34

मानो एक जंग होती है खुद से
हर सुबह
ख्यालो से
यादो से
बातों से
और सबसे
बदतर
खुद से।।

-


18 OCT 2021 AT 23:09

जो सोते हुवे भी जगा देता है ।
कैसे होती है पल पल पहर,
अब तो हर कोना अधूरा से लगता है ।।

-


18 OCT 2021 AT 23:04

तुम लिखोगे तो रात में ही,,
मैं सुबह की दस्तक कैसे बनूँगा ।।
वो एक अल्फ़ाज़ जो अधूरा है,
तुम्हारे बिना पूरा कैसे करूँगा ।।

-


16 OCT 2021 AT 11:22

लिबासों से कहा सादगी मालूम होती है,,
असल चादर तो मन का पहनावा है।।

-


13 OCT 2021 AT 8:46

कौन कहता है कि बात नही होती,,
कबभी यादो के लिबास में तो आओ ।।

-


22 SEP 2021 AT 22:26

आज उदासी आंखों में,,
एक आस को लेकर भीग गयी ।
जो रात की चादर ओढ़े थे,,
वो रात गयी पर नींद नही ।।

-


18 MAY 2021 AT 22:24

क्यो लगा कि कहानी से वाकिफ नही हम ।
जुड़े है तुमसे बस जाहिर नही हम ।।
हम ही तो जाने नही देते धूल तुम्हारी आँखों मे,
कैसे लगता है कि तुम्हारे काबिल नही हम ।।

-


18 MAY 2021 AT 19:44

कही गुम हुवे मोती, कही बिखरते साये ।
अब रहा कौन साथ, जो पास बुलाये ।।
शाम की चादर ओढ़े ,ये दिन ढला जाए ,
एक भटकता मुसाफिर ,अब नींद कहा पाए ।।

-


16 MAY 2021 AT 23:52

एक शब्द तेरी खामोशी का,,
एक शोर तेरे सन्नाटे का ।
हर पल गुजरे यादों से,
ये विरह का सौदा घाटे का ।।

-


27 APR 2021 AT 22:40

नदी नीर का शांत बहाव ।
झील में एक रस ठहराव ।।
एक राह जिसमे कही न छाव,
माथे पर धारे रंज भाव..।।

-


Fetching shekhar sable Quotes