तू मुझे रोज़ मिले,
तू ही आदत है मेरी।
जिंदगी तेरे नाम करूं,
यही चाहत है मेरी।
मैं तेरे प्यार का इम्तिहान दिये बैठा हूं,
तू कभी मुझे न मिल पाए,
कभी ख़ुदा न करें।-
सांसों में सांसों में हूं बेकाबू,
कैसे न तोहरा के चाहूं।
देखें ही के लाग जाला हुजूम,
तोहरा खातिर हि बाटे दिल गुम गुम।
बनके Groom Groom,
तोहरा के संग जाई Rome Rome।
-
तुम पास हो जो मेरे,
किसी और की तृष्णा नहीं है।
न धन न दौलत,
तृष्णा सिर्फ तेरी है।
क्या सुख और क्या दुःख,
दुनिया अब तुझमें ही बसी है।-
अब नींद किसे आएगी,
आंखों मे जब तू उतर जाएगी।
रात की खामोशी में,
दिल में शोर तू मचाएगी।
बहुत खूबसूरत है यह पल,
तू भी चैन से नही सो पाएगी।
-
छूट जाई राजाजी गाड़ी कुंभ धाम के।
फिटा जूता के बांधे दा हो,
पटना से टिकट करें दा हो।
आज करें दा तैयारियां धाम के।
धाम के, धाम के।
छूट जाई राजाजी गाड़ी कुंभ धाम के।
बलम जी तत्काल करा देहनी,
धाम पर दुबकी लगा देहनी।
पानिया ठंडा लागे हो,
देहिया अईठे लागे हो।-
मुझे इश्क तुमसे कुछ ज्यादा हुआ,
तमन्ना थी उनकी तब,
अब मिलने का इरादा हुआ।
देखें थे जो सपने साथ में,
अब जाकर वो सब स्वीकार हुआ।
प्यार तो पहले ही हुआ था,
अब जाकर दिल को एतबार हुआ।-
आखें जग रहीं,
हम भी जग रहे।
सपने में मिल ले तू,
जो न मिल सकें।
तू न रोए आज,
मैं न रोऊँ आज।
तुझको छू लूँ आज,
तू मुझे छू ले आज।-
इंतज़ार का फल मीठा होता है,
उनका दीदार शिफा़ होता है।
हुस्न-ए -गुलज़ार का एक सलिका होता है,
उनके बिना हर एक रंग फिका होता है।-
मेरा दिल भी कितना पागल है,
यह प्यार तो तुमसे करता है।
पर सामने जब तुम आते हो,
तुमसे ही लड़ने को जी करता है।-
तू मिले रोज़ कहीं,
यहीं हसरत है मेरी।
मैं तुझे चांद कहूं,
यहीं चाहत है मेरी।
मेरे तेरे हुस्न का,
दीदार किए बैठा हूं।
तू मुझसे कभी दूर जाए,
ऐसा ख़ुदा न करें।-