Har wafa zinda e javed nahi hoti
Dil ka har zakhm kahin dil ka kaval banta hai.
Jab shahnshah bhi ho ishq bhi daolat bhi
Tab kahin jaake koi tajamahal banta hai..!
-unknown-
~शेख़
कुछ कहते हैं कुछ सुनते हैं
कुछ चुप रहकर सब सहते हैं.
कुछ लोग मुहब्बत करते हैं
कुछ लोग मुहब्बत होते हैं..!-
कभी कभी तो छलक पड़ती हैं यूँही आँखें.
उदास होने का कोई सबब नहीं होता..!
~यादें-
मिलना और बिछुड़ना दोनों
ज़िन्दगी की मजबूरी है.
उतने ही हम पास रहेंगे
जितनी हममें दूरी है..!-
जिस तरह हम ने रातें काटी हैं उलझनों में.
उस तरह हम ने उलझनों में दिन भी गुज़ारे हैं..!-
आँखों से भी दास्तानें
लिखी जाती हैं.
हर कहानियों को कलम की
जरूरत नहीं होती..!-
हुई है शाम तो आँखों में बस गये फिर तूम
कहाँ गये मेरे दिल के मुसाफ़िर तूम.
बहुत उदास है ये शख़्स तुम्हारे जाने से
जो हो सके तो चले आओ उसी की ख़ातिर तूम..!-
नए साल में पिछली नफ़रत भुला दें.
चलो अपनी दुनिया को जन्नत बना दें..!-
बहुत दिनों बाद स्कूल के सामने से निकला तो स्कूल ने पूछा मुझसे तो तू बहुत परेशान था अब ये बता कि ज़िन्दगी के इम्तिहान कैसे चल रहे हैं..!
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एक खूबसूरत चाँद
बह गया मेरी आँखों से.
इतने दिनों के बाद
जब हमसे तुम मिले..!-