तल्ख़ी भरा लहजा, एहशान फरोश हरकत।
मेरे महबूब,
ऐसी वस्ल से बेहतर रुस्वायी है।।-
तलाशो मुझमे कोई अच्छी बात,
मै तो खुद ही बद से बदतर हो चुका हूँ।।-
मोहब्बत पर यकीन होने लगा था,
तभी से आज तक तन्हा रहा हूँ ।
यादे बस गयी है मुझमे ऐसे,
जिसे मै आज तक दफना रहा हूँ।
सरकश (जिद्दी) थे इस क़दर हम दोनों,
साथ फिर कभी हो ना पाए।
गलत हम दोनों मे कोइ नहीं था,
सही बातों को अब समझा रहा हूँ।।-
याद आते हैं जब भी, मुझे पुराने लम्हे।
आज मे बैठे हुए, वहीं कहीं खो जाता हूँ मैं।।
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मेरी खता यही है, कि मै भूल न सका।
उस शख़्स को जिसे मै, याद भी नही हूँ।।-
मुझे मालूम ना थी कहानी मेरी,
इत्ती तन्हायी मे गुजरेगी जवानी मेरी।।-
जिंदगी बस इक आरजि ख्वाब है, ऐ दोस्त
जहाँ हर सांस पे मरने के नजदीक हो जाते हैं हम।।-
Kaali raat khawab me,
Rangin sapne dikha rahi hai.
Kali raat aur kali hoti ja rhi hai..
Meri duniya sawar rahi hai
Raat ki ik-ik paher gujar rahi hai
Mere khawab ki duniya
Ab aur Ujali hoti ja rhi hai
Subah hote rangin duniya
Kaali hoti ja rahi hai..!
Kaali raat khawab me,
Rangin sapne dikha rahi hai.-
Arz kia hai....
Raah se gumrahi ke pathar ko hatate jana,
Ishq m andhe bahut hai, takrake na gir jaye koi...!-