Shefali Agarwal   (Shefali Agarwal)
154 Followers · 8 Following

Creativity is my type of thing!
Joined 27 May 2019


Creativity is my type of thing!
Joined 27 May 2019
6 MAY 2023 AT 14:07

अंतरमन में तेरे शोर चीखता,
और बाहर खोजता शांति है,
जानता नहीं तू या जानना नहीं चाहता?
ऐसा जीवन महज़ एक भ्रान्ति है !

-


26 NOV 2022 AT 12:41

बादलों की असीम चादर पर,
अनगिनत ख्वाब पैर पसारें,
वो जीवन की उड़ान ही क्या,
जो आसमां में न गुजारे !

-


21 NOV 2022 AT 12:00

पिरोता जा रहा हूँ ये लम्हे,
अपने तज़ुर्बों की लड़ी में,
कब किससे सीख मिल जाए,
जाने कौन घड़ी में !

-


30 OCT 2022 AT 22:43

कि
मुश्किलों को मुश्किल समझते-समझते,
हम और मुश्किलें बढ़ा देते हैं !

-


29 OCT 2022 AT 18:20

रिश्तों की डोर होती है नाज़ुक बन्धु,
जितना मैंने अनुभवों से सीखा है,
रेत सा समय फिसल रहा है हाथ से,
क्या भरोसा कल का, भला किसने देखा है !

झुकने में क्यूँ घबराए भला हम,
जब अकड़ने में कमर नहीं दुखती,
रिश्तों की उम्र बढ़ जाती है झुकने से ,
और किसी की लम्बाई भी नहीं घटती !

-


21 OCT 2022 AT 12:29

फ़िक्र रहती थी मुझे तेरी, शायद जता मैं नहीं पाया,
खून से ज़्यादा अपनाया था तुझे, ये भी कभी बता न पाया !

स्वार्थ नहीं था तुझसे मेरा, तुझे कभी पर दिखता होगा,
मैंने तो कलम को छोड़ा तबसे, पर दिल मेरा तुझे लिखता होगा !

उदासी नहीं अब आती मुझमें, कि तुझसे मेरा कोई जोड़ नहीं है,
खुशियों के कुछ पल हैं काफ़ी, यादों पर कोई ज़ोर नहीं है !

तू खुशहाल रहे औ स्वस्थ रहे, इस उम्मीद पर मैं आज भी खड़ा रहता हूँ,
खबर नहीं रहती मुझे तेरी कोई भी, बस फ़िक्र में कभी पड़ा रहता हूँ !

-


6 SEP 2022 AT 21:04

झुकना तो सिखा दिया तूने ऐ ज़िन्दगी,
मगर कितना, यह भी तो पढ़ाया होता !

अच्छाइयों को चुनना तो सिखा दिया,
बुराइयों को भी परखना बताया होता !

अपना बनाने का हुनर तो सिखा दिया,
काश !अपनों से बिछड़ना भी सिखाया होता !

-


28 AUG 2022 AT 16:13

I can't stop making mistakes.
Learning and growing through them makes me what I am - a writer.

-


26 AUG 2022 AT 11:22

पर मैं कहाँ समझने वाला था,
जो न सुन सका अपने मन की भी,
वह कब किसी और की सुनने वाला था !

निकल चला था अपने रास्ते,
अपने भी बेगाने तब लगते थे,
जिनको कहता था मैं अपना,
वो कौन-से मेरे सगे लगते थे !

मैं तो पढ़ता था सबके मन की,
कहाँ कोई मेरी खामोशी पढ़ने वाला था,
समझा रहे थे वो लोग मुझे,
पर मैं कहाँ समझने वाला था !

-


20 AUG 2022 AT 16:42

यूँ तो ज़िन्दगी में हम,
रोज़ ही सफ़र किया करते हैं,
किंतु अरसे बाद भी आज रेल के सफ़र में,
बस तुझे याद किया करते हैं !

-


Fetching Shefali Agarwal Quotes