Sheetal Soni   (Sheetal soni)
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Joined 9 March 2021


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Joined 9 March 2021
8 MAR 2023 AT 8:50

होली के रंगों सा, जीवन आपका रंग जाए
इन हरे नीले लाल गुलाबी पीले रंगों से
एक नई उमंग से जीवन आपका खिल जाए
आशा है बड़े बड़े दुखों के पल में भी
छोटी छोटी खुशियों से आपका जीवन भर जाए

Happy Holi

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7 JAN 2023 AT 20:38

तो यूं हुआ कि जिक्र जब उनका हुआ

आंखे चमक गई
होंठ खिल उठे
और ये दिल खो गया।।।💓

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12 DEC 2022 AT 23:20

अभी उजाला दिखा ही था कि
अमावस की काली बदली छा गई

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13 NOV 2021 AT 18:30

Poem : एक नारी - द्रौपदी


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9 DEC 2021 AT 10:20

हे भारत के वीर सपूत
तुमसा दूजा पूत, ना मां को मिल पाएगा
जिस कर्मठता, निष्ठा से
तुम अपना कर्त्तव्य निभाते थे
शायद ही कोई वैसे कर पायेगा
किसने सोचा था, जिसके बाजुओं पर सितारे जड़े है
वोह ऐसे इक दिन खुद सितारा बन जाएगा
जो हवाओं से यू खेला करता था
वोह इक दिन आसमां में कहीं गुम हो जाएगा
हे भारत के वीर सपूत
तुम युगों युगों तक अमर रहोगे
तारे टूट के गिरते है
पर तुम ध्रुव तारा सा सदा चमकोगे

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1 DEC 2021 AT 10:12

When friendship meets love,
The relationship flourishes
When trust meets love,
The bond becomes vigorous
When loyalty meets love,
No third one can create differences
In between you.🌼💞🌹

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28 NOV 2021 AT 9:09

तुम्हें इसीलिए नहीं बताया
क्युकी मुझे लगा था कि तुम समझ नहीं पाओगे
शायद मेरे जज़्बातों का तुम मजाक बना दोगे
जैसे हम बचपन में हैलीकॉप्टर उड़ाया करते थे
तुम उसी हेलिकॉप्टर की तरह
हंसी - हंसी में मेरे प्यार को भी उड़ा दोगे

शायद तुम्हे इसीलिए भी नहीं बताया
कि जो मै तुम्हे अपने दिल का हाल बता दू
तो कहीं मै अपना सबसे प्यारा दोस्त ना खो दू

तुम्हारा साथ होना ही काफी है मेरे लिए
अब वोह दोस्त बनकर हो या प्यार बनकर

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28 NOV 2021 AT 8:40

कौन चाहता है,,
जिन्हें वोह चाहता है उनसे दूर जाना
कौन चाहता है,,,,,
सालो लग गए थे जिन रिश्तों को बनाने में
यूं उन्हें एक झटके में तोड़ जाना
पर कौन चाहता है,,
किसी के जीवन में मात्र एक विकल्प बन कर रह जाना

जो तुमने शुरू किया था मुझसे दूरियां बनना
तो अब क्यों खलता है तुम्हे मेरा दूर जाना

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19 NOV 2021 AT 20:38

जिम्मेदारियों के बोझ से झुकी जाती है,  कमर उसकी
पर उसके मुंह से एक उफ़ तक ना निकलती है
किसी अपने के कंधे पर सिर रख बिलख बिलख कर रोने को,
मन उसका भी बहुत करता होगा, फिर डर जाता होगा वोह कि लोग, कही उसे कमजोर ना समझने लगे
ये सोचकर वोह झूट मुट का हंस कर, सबकी नजरों से बचकर
अपनी बुस्सट की बाहों में पोंछ कर अपने आंसू रोज छिपा लेता होगा
पर अपनी परेशानियों का अपने मुंह से जिक्र तक ना करता होगा
वोह अपनी ख्वाहिशों को अपने ही पावों तले रौंध कर, अपनों की खुशियां खरीदने चल देता  है
साहब वोह घर का लड़का हैं, बिना एक आह् भरे, हर बार खुद को संभाल
अपनी जिम्मेारियों का बोझ उठा के निकल पड़ता है 


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18 NOV 2021 AT 19:35

Today, I allow myself to trust others,
one of the greatest gifts you can give someone is offering your trust.

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