यथार्थ है...
अपने जीवनकाल में
मानव सदैव प्रसन्न रह सकता है,
मानवीय मूल्यों के साथ।-
जन-जन की भागीदारी से
शांति और उन्नति का
अग्रदूत बन रहा है...
जटिल परिस्थितियों में भी
निरंतर मजबूत बन रहा है।
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अनेकता में अखण्ड
एकता की खुशबू
भारतीय परंपरा की पहचान है
अपनी उलझनों को सुलझाता
अपने ही रंग -ढंग से.....
प्रगति के पथ पर अग्रसर
हमारा देश महान है।-
घनघोर अंधेरों में
भटकना मुमकिन था
अनजान भ्रम के फेरों में
सुरक्षित रास्ता मिलता रहा
रोशन किरणों के घेरों में।-
कि भला है... भोला बचपन जो अपने-पराये में
भेद नहीं जानता है।
सुंदर है... किशोरावस्था जो संभावना में अपनी
उपस्थिति को मानता है।
अनुभवी है... वृद्धावस्था जो संसार की समृद्धि
के साथ जीवन की सार्थकता को पहचानता है।-
किसी के गैरमौजूदगी की कसक है,शायद...
आपके मुस्कुराहट की कमी ये रात जता रही है।
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नई यात्रा आरंभ होती है
खोया-पाया की सूची रखना
ज़िन्दगी के अलग जेब में...
वर्तमान शीर्षक की पटकथा
नए अंदाज़ में संग होती है।-
हर परिवेश में ढ़लना है...
संघर्ष हो या सुखद ज़िन्दगी
इसके क़ाबिल हो संवरना है।-