Sheelesh Saraswat  
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Joined 1 May 2019


Joined 1 May 2019
24 APR 2022 AT 17:14

शहर हो गाँव
एक स्त्री अपने को
उसी परिवेश में
ढाल लेती है
मुस्कुराकर जिंदगी का
हर सफर काट लेती है

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22 APR 2022 AT 4:33

झूठे मायाजाल में फँसा हुआ इंसान
दौलत को सब समझकर कर बैठा अभिमान

कर बैठा अभिमान साथ अपनों का छोड़ा
अंत काल आया तो जब रह गया निपट अकेला

रह गया निपट अकेला याद अपनों की आई
कोई नहीं है पास सिवाय दौलत के भाई

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18 APR 2022 AT 4:23

यहाँ अनेक अभिनय देखने को मिलते हैं
कोई प्यार के सागर में डूब जिंदगी गुजार लेता है
कोई पूरी उम्र जिंम्मेदारियों का बोझ लेकर चलता है
कोई अपने आप में मगन सुख दुख से दूर मस्तमौला जिंदगी गुजार लेता है
कोई अध्यात्म राह पर चल भक्ति में जिंदगी गुजारता है
जिंदगी एक मंच है,
यहाँ जिंदगी केअनेक रूप देखने को मिलते हैं

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14 APR 2022 AT 4:14

दु:ख के पलों में मन व्यथित हो जाता है
पल भर में इंसान जिंदगी से हार जाता है
दु:ख के पल क्षणिक होते हैं फिर भी इंसान दूट जाता है
धैर्य रख इंसान रात के अंधकार के बाद सूरज फिर निकल आता है
हर दुःख के बाद सुख भी जरूर आता है

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10 MAR 2022 AT 22:49

एक दौर था जब रिश्तेदारों की भी परवाह की जाती थी
एक दौर है अब जब अपनों की भी कोई फिक्र नहीं होती
एक दौर था जब लोग माँ-बाप के चरण दवा घर को मंदिर बनाते थे
एक दौर है जब माँ-बाप को भूल मंदिर में सिर को झुकाते हैं
एक दौर था जब तीज त्योहार सब मिल-जुल घर में खुशी से मनाते थे
एक दौर है अब जब फोन से संदेश भेज सब अपने घर में त्योहार मनाते हैं
एक दौर था जब घर त्योहारों पर अनेक व्यंजनों की खुशबू से महका करते थे
एक दौर है जब रसोई पिज्जा, बर्गर, चाउमीन
जैसे बाहरी खाद्वय पदार्थो से महका करती है

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2 MAR 2022 AT 16:41

रहमत का हाथ सर पर
हरदम बनाए रखना
चरणों के पास अपने
मुझको बिठाए रखना
बिन माँगे ही सब कुछ
मुझको तो दे दिया है
शुक्रिया है तुम्हारा प्रभु
यूँ ही कृपा बनाए रखना

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16 FEB 2022 AT 22:36

अपने कर्म को करते हुए जीवन यापन करना
आपके लिए सच ही कहा है
मन चंगा तो कठौती में गंगा

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5 JAN 2022 AT 15:21

कठिन अनुभवों के साथ
आने वाले दिन अच्छे होगें
ये उम्मीद सी मन में आती है
उम्मीद की एक किरण भी
अंधकार को चीर जाती है
बुराई में भी अच्छाई की
आस (लौ)जगमगाती है
हर दिन उगते हुए सूरज की किरण
अंधकार जग का मिटाती है
हर बुरे दिन के बाद अच्छे दिन की
आस मन में जगाती है I

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3 JAN 2022 AT 5:07

(1)अपने शब्दों को नया आयाम देना
(2) अपने नन्हें कान्हा के लिए रंग-बिरगीं पोशक बनाना I

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1 JAN 2022 AT 17:28

बहुत कुछ कहने सुनने का मन है
अपनों के साथ बिताए हुए लम्हें
खट्टी मीठी यादें, प्यार और अपनापन
बहुत कुछ पाया बहुत कुछ खोया
यूँ ही एक एक पल कर पूरा वर्ष बिताया
कुछ नए लोगों का साथ मिला
कुछ साथ छोड़कर चले गए
कुछ खुशियों के पल साथ लिए
कुछ दर्द बहुत गहरे भी मिले
यूँ ही एक एक पल गुजर गया
नया साल फिर आ ही गया
नई उमंग नए सपनों के संग
बहुत कुछ कहने करने को

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