मुझे तुम याद आती हों..
सुबह जब सूरज निकलता
आसमाँ पर लालिमा भरता हैं,
पहली धूँप लेकर मेरे आँगन में उतरता हैं
मुझसे उठने को कहता है..
मुझे तुम याद आती हों ।
सुबह कि चाय जब मेरे होंठो से लगती हैं,
हल्की सी गरमाहट के संग जिस्म में उतरती हैं
मुझे तुम याद आती हों ।
साँझ, सूरज से ढ़लने को कहती हैं
रात से गले मिलने को कहती है
मुझे तुम याद आती हों ।
चाँद जब आसमा पर टहलने को आता है
चाँदनी को धरती से रूबरू कराता हैं,
फिर जब चाँदनी यहीँ ठहर जाने को कहती हैं
मुझे तुम याद आती हों ।
-
ShayarPraveen
(ShayarPraveen)
61 Followers · 5 Following
मैं हक़ीक़त हूँ,
हर किसी कि औक़ात नहीँ
मुझें सुनने की ।।
Content Writer✍️
Poet ✍️✍️✍️✍️✍️
और गलती ... read more
हर किसी कि औक़ात नहीँ
मुझें सुनने की ।।
Content Writer✍️
Poet ✍️✍️✍️✍️✍️
और गलती ... read more
Joined 4 May 2018
28 AUG 2021 AT 17:15
16 DEC 2020 AT 0:29
मैं एक लम्बे सफ़र पे हूँ ..
वापस आने में लम्बा समय लगेगा ।
तुम्हें लम्बा इंतजार करना होगा ..-
2 SEP 2020 AT 22:34
कहीँ एक रोज हम मिलेंगे,
चलेंगे कहीँ दूर वादियों पर
बैठकर करेंगे बातें ढ़ेर सारी।।
तुम्हें इस बात का पता भी न चलेगा
पहाड़ो कि गोंद में चाँद बैठा मिलेगा।।
सोंचता हूँ मैं आजकल बस बैठा यूँ ही,
मेरे साथ चलने का तुम्हें समय भी मिलेगा ।।
जिंदगी कि दौड़ में बड़े मसरूफ़ हों तुम,
मिलें जब समय तो मुझें भी याद करना।
दूर से ही सही बस एक फोन कॉल करना ।।
-
14 AUG 2020 AT 21:17
मैं तुम्हारी सारी उलझनें
सुलझा दूँगा ।
बस तुम बताने की हिम्मत रखा करों ।।-
13 AUG 2020 AT 20:53
दुःख इस बात का नहीँ ..
कि मैं अकेला हूँ।
दुःख इस बात का हैं..
कि तुम्हारें साथ कौन होंगा ।
-
12 AUG 2020 AT 22:29
There is a huge difference in -
1- calling you at night
2- calling you till night-
10 AUG 2020 AT 22:20
मुझें एक बात बार-बार
याद आती हैं..
क्या तुम्हें मेरी याद आती हैं ?-