मैं चेहरे पर मुस्कान लेकर सारा दर्द सह रहा हूं,
जिसके सपने सजाए उसी शख्स से दूर हो रहा हूं।
सिर्फ मुझे पता है,मेरे दिल पर क्या बीत रही है,
कोई कुछ भी पूछे सब ठीक है,यही कह रहा हूं।-
मन बहुत उदास है तुझे याद करके,
तुम हमारे इतने करीब आ चुके हो क्या।
और मेरे सब तंज बेअसर हो चुके है,
तुम हमसे इतने दूर जा चुके हो क्या।-
हम खुद से ज्यादा तुम्हारी फिक्र करते है,
अक्सर बातो में सिर्फ तुम्हारा जिक्र करते है।
तुम कहती हो की मुझ पर तो बहुत मरते है,
लेकिन वो सिर्फ तुम पर नहीं सब पर मरते है।-
शुरू में हर कोई किसी को बेहतरीन ही लगता है।
होती है जब बातें तो देर रात तक साथ जगने लगता है।
दोस्ती और इश्क में किए सब वादे झूठे होते है,क्योंकि,
मन भर जाने के बाद तो बेहतरीन भी बेकार लगने लगता है।-
जबसे तुमसे मिला हूं,हाल हमारा मरीजों जैसा है।
और इश्क हमें तुमसे कुछ राधे कृष्ण के जैसा है।
तेरी तारीफ में क्या ही कहूं जितनी करू कम है,
लेकिन तेरा चेहरा, किसी नदी में खिलते कमल जैसा है।-
अब तो इश्क भी लोगो का फरेबी होता है।
आज का रांझा कहा हीर पर कुर्बान होता है।
मगर जो दबाये पीरियड्स में भी पांव तुम्हारे,
लड़की के लिए वो लड़का मोहब्बत में भगवान होता हैं।-
इश्क कुछ ऐसा हो किसी को हमसे नींद में भी हमारी बाते सुने कोई।
काश मेरे पास भी ऐसा शख्स हो जब तक मैं जागू तब तक जागे कोई।-
मुझे खींच कर उसने अपने गले से लगाया था।
मुझ पर उसने अपना खूब हक जताया था।
मेरे तो दिल के टुकड़े भी उसी ने किए,
जिस लड़की को मैने अपना ख्वाब बनाया था।-
सब्र कर ले तू थोड़ा मैं खुद चलकर तेरे पास आऊंगा।
इश्क से भरा हुआ थोड़ा वक्त अपने साथ लेकर आऊंगा।
चुड़ियाँ सोने की ना सही तो कांच की ले आऊंगा।
तुम पहन तो लोगी ना,मैं अपने हाथों से पहनांऊगा।-
एक दूसरे से मिलकर इश्क की सारी हदें पार करे क्या।
आज फिर दोनो अपना attitude और ego एक तरफ रखे क्या।
वो अपनी शर्ते और समझौते का सिलसिला यही खत्म करे क्या।
अगर है मंजूर तो चलो फिर एक बार एक दूसरे से इश्क करे क्या।-