23 APR 2019 AT 13:22

तत् कर्म यत् न बन्धाय सा विद्या या विमुक्तये
आयासाय अपरं कर्म विद्या अन्या शिल्पनैपुणम्

जिस कर्म से मनुष्य बन्धन में नही बन्ध जाता वही सच्चा कर्म है
जो मुक्ति का कारण बनती है वही सच्ची विद्या है
शेष कर्म तो कष्ट का ही कारण होती है तथा अन्य प्राकार की विद्या तो केवल नैपुण्ययुक्त कारागिरी है
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊

- "शायरशुभ श्रीवास्तव"