खुशबू ढूँढ़ते रहे हम
काग़ज के फुलो में
काश......
दीदार ही खुद का
रू ब रू हो करवाते-
Shayar Ki Mahafil सागर 🚩
(Shayar_ki_mahafil 🚩)
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अमावस हूँ जिन्दगी की, अँधेरा फैलाता हूँ #zindagi_tere_baad
Joined 14 July 2021
27 JUN AT 17:24
27 JUN AT 17:21
काग़ज से लफ्ज़ भी अब मिट गये निशानी ना कोई बाकि
ऐ दिल सँभल जा जरा, तेरी कोठी अब वीरान हुई है पडी-
27 JUN AT 17:18
तोड़ आये हम बन्धन अब भूल गये तुम्हारी गली
हाथ छोड़ा जब तुमने हमारा, ज़िद हमने भी छोड़ दी-
7 MAY AT 9:22
22 MAR AT 9:00
मछली पकडते पकडते वो पाकिस्तान की सैर कर आया
मोहब्बत में कशिश थी तभी जिन्दा वापस लौट आया-
22 MAR AT 8:11
भावनांच्या भरात मनाच्या समुद्रात आली होती भरती
सोडून दिले सर्व, निघालो वाटेला मी रित्या हाती-
21 MAR AT 5:51
मैंने भी लिख दी थी बेबाक बाते कई बार उनके लिये
शराफत का नकाब ओढ़े जो बदनाम औरों को करते थे-
17 MAR AT 9:04
लिखता रहा मैं रात रात भर मगर
बस काग़जों का अंबार रद्दी बन गया
ज़ज्बातों का क्या मोल लगाता कबाड़ी
दर्द बस कलम से रिसता ही रह गया-
17 MAR AT 8:47
तल थैय्या थैय्या थैय्या थैय्या
तल थैय्या थैय्या थैय्या थैय्या-