SHAYAR ani s.  
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Joined 7 May 2020


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Joined 7 May 2020
17 MAY 2021 AT 10:28

शायरों की महफ़िल में मुझे शायर कहते है
जो अपना ना हुआ हम उसे क्या कहते है
दुख नहीं , शिकवे नहीं कुछ रंग नहीं चड़ा तुमपे
कुछ लोग तो मुझे भी बेवफा कहते है !!

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15 MAY 2021 AT 22:21

अरे मेरे शहर में आग लगी है
आके एक बार बुझा तो दे!
तेरे दिल में छुपा क्या है
आके एक बार बता तो दे!
मै नीलाम कर दूंगा हर मेरा खत
तू एक बार कीमत बता तो दे!
अरे बूंदों से क्या पूछू मै उनसे गिरने का राज
आंसू मेरे खुद के है
आके मेरा इल्जाम बता तो दे!!

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10 MAY 2021 AT 21:03

कभी लौट आना बेशक
वहीं खड़े होंगे जहां तुमने छोड़ा था
फर्क बस इतना होगा
जमाना मुझे भी देखेगा, किस्से तुम्हारे भी होंगे!!

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6 MAY 2021 AT 20:31

सदाकत रखियेगा हमसे
हम तुम्हारी आबरू पसंद करते है।
हां अगर बात कभी चांद की होगी
तो जिक्र हम तुम्हारा ही करेंगे!!

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22 OCT 2020 AT 19:12

हम तो तुम्हे मुफ्त में मिले थे
कदर ना करना ,ये हक था तुम्हारा।

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24 AUG 2020 AT 9:51

मैं मर भी जाऊ तो दिखावा ना करना तुम
इश्क़ होता तो शिकवा ना करती तुम ।।

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15 AUG 2020 AT 12:07

दुल्हन सा सजाया जिसको
ख्वावों में बसाया था
लड़ लड़कर जिसको हमने अपना बनाया था
यूं ही नहीं मिली यह आज़ादी हमको
नदियों में खून बहाया था।।

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12 AUG 2020 AT 22:01

इश्क बेशुमार है बेशक तुमसे
पर शिकवे भी कुछ तो रखता हूं
अनगिनत रात हुई है काली मेरी
पर मोहब्बत तो तब भी रखता हूं।

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10 AUG 2020 AT 14:44

चाहत नहीं थी जिस्म की हमे
रूह से मिलने को बेताब थे हम

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1 AUG 2020 AT 19:29

ये आंखें नहीं सलाखें ही इश्क़ की
सारा शहर कैद है इन सलाखों में।

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