अगर कोई आपकी सोहबत मे रहना पसंद ना करे
तो नाराज़ ना होना
क्यूँ की शेर की सोहबत शेरों को पसंद होती हैं
गधों को नही...-
जो मेरे दस्तरस नही,,
मुझे उसकी आरज़ू न हो ख़ुदा करे ...
जो तु नही तो कुछ नही,,
तेरी जुस्तजू न हो ख़ुदा करे ...-
यूँही तुम से मिलने को मेरी रूह अब भी तरसती है
सुना हैं बिन मौसम के बारिशें अब भी बरसती है-
Darmiyaa'n Tere Mere ek faasla zaroori Tha
Tum to saanso me baste ho,,ha magar ek rishta zaroori Tha ...
Guzarne ko guzar hi jaati hayaat jaise taise shaaz
Ishq karna kya zaroori Tha Yu'n tadapna kya zaroori Tha ...
-
फ़िर वही गुस्ताखी कर रहा है दिल,,
फ़िर तेरी आहट पर मचल रहा है दिल,,-
मोहब्बत झूठी या सच्ची नही होती ,,
झूठे या सच्चे तो लोग होते है...
जो मोहब्बत के नाम पर दिलों से खेलते हैं... ✍-
है ज़रा ज़रा सी बेवफाई भी मोहब्बत मे कुबूल,,
पर तुम जो करते हो ना शिर्क करते हो,,-
इतना टूट कर चाहा तो वाजिब है मुझ पर ,,
मैं तेरे ग़म मे खूद को हि भूला दू अब तो ,,-
जितनी मोहब्बत थी सारी कि सारी लुटा दि तुझ पर ,,
अब तेरे हिज्र का ग़म मेरा आखरी असासा है ,,-