वो हमसे जुदा जो हुए तो हम इतने रंगीले हो गए मेरी आँखें लाल हो गई और हाथ पीले हो गए ।।
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माना कि वफा हम नहीं करते मगर जफा तुम भी करते हो दुनिया की नजर में हम मुजरिम है माना मगर खता तुम भी करते हो सभी को लगता है कि तुम्हें पाने की फरियाद सिर्फ हम करते हैं मगर इल्तिजा तुम भी करते हो तुम मुझे मिलो ,हाथ इबादत में सिर्फ हम नहीं उठाते सच तो ये है सुबह -ओ शाम दुआ तुम भी करते हो।।
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हम हैं जनमे जहां वो है भारत धरा नित प्रगति कर सके यह हमारी धरा हो न विकलित दुखी कोई मानव यहाँ नेह से पल्लवित हो हमारी धरा
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गीत गजलें लिखी सब तुम्हारे लिए,जीत कर भी हम हारे तुम्हारे लिए सबको ये था यकीं तुम नहीं आओगे,छोड़कर हमको तुम तो शहर जाओगे राह तकते रहे हम तुम्हारे लिए,गीत गजलें लिखी सब तुम्हारे लिए ,जीतकर भी हम हारे तुम्हारे लिए थक गए थे मगर हम नहीं रुक सके ,नींद आई मगर हम नहीं सो सके ,सब भर जगे बस तुम्हारे लिए गीत गजलें लिखी सब तुम्हारे लिए जीत कर भी हम हारे तुम्हारे लिए ।।
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गीत गजलें लिखी सब तुम्हारे लिए जीत कर भी हम हारे तुम्हारे लिए , हमको इतना भी तुम ना बता कर गए, थी वजह क्या जो तुम ना जता कर गए आखिर ऐसी भी हम क्या खता कर गए हम रोए भी बस तो तुम्हारे लिए गीत गजलें लिखी सब तुम्हारे लिए जीत कर भी हम हारे तुम्हारे लिए , हमने लम्हे बिताए थे जो संग तेरे, बन गए हमसफर थे वो सब मेरे, याद आई तुम्हारी जब- जब हमें हँस कर के रोए तुम्हारे लिए गीत गजलें लिखी सब तुम्हारे लिए जीत कर भी हम हारे तुम्हारे लिए । To be continued
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गीत गजलें लिखी सब तुम्हारे लिए, जीत कर भी हम हारे तुम्हारे लिए यूं तो हम थे मोहब्बत से वाकिफ नहीं ,हीर भी हम बने बस तुम्हारे लिए गीत गजलें लिखी सब तुम्हारे लिए ,जीत कर भी हम हारे तुम्हारे लिए राँझा मगर तुम तो बनना सके, राह प्रेम कि तुम तो चल ना सके मिल कर के देखो हम मिल न सके,हम बिछड़े भी तुमसे तुम्हारे लिए
गीत गजलें लिखी सब तुम्हारे लिए ,जीत कर भी हम हारे तुम्हारे लिए ।। To be continued-
तुमसे प्यार है जाना सबको बता दूंगी मैं तेरी खातिर चांद तारे भी जमी पर ला दूंगी मैं तेरी एक मुस्कान की कीमत गर अरबों खरबों हो तो बैंक से लोन लेकर वो भी चुका दूंगी मैं
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प्यार को कभी भुलाया नहीं जा सकता सिर्फ उसे भूलने की कोशिश की जा सकती है क्योंकि हमने तो प्यार के पौधे को अपने आंसुओ से सींचा होता है अपनी मुस्कुराहट की खाद डाली होती है अपने जज्बातों के प्रकाश में संजोया होता है हम उसे कैसे भूल पाएंगे
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मेरी बस एक ख्वाहिश है तुम्हें पाना और तुम्हें पाने के लिए हर हद से गुजर जाना
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पावन सलिला सरयू मां जहां बहती है अविराम
वही है अपना अयोध्या धाम, वही है अपना अयोध्या धाम जहां के घाटों की शोभा लगती है अति अभिराम वही है अपना अयोध्या धाम ,वही है अपना अयोध्या धाम राम के नाम की होती चर्चा जहां सुबहऔ शाम वही है अपना अयोध्या धाम, वही है अपना अयोध्या धाम बोलो राम राम राम बोलो राम राम राम-