मेरी ख़ामोशी की दास्तां बेहतर है
जो कह न सकू वो जुबाँ बेहतर है
अस्क आँखो में तो छुप ही जाते है
और महफ़िल से जादा वीरान बेहतर है
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When the pain passes, y... read more
ये अश्क छिपाना कहा से शीखा है
ये दर्दो में भी मुस्कुराना कहा से शीखा है
और तुमने ही सिखाया था जीने का सलीका मुझे
अब खुद की चाहतो को दबाना कहा से शीखा है
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मेरी गुस्ताखिओ की वजह बस इतनी थी की मै खो गया
धूप तेज थी और मैं उसकी झुल्फो के साये में सो गया
आँख खुली तो उसका ही चेहरा नजर आया
उसकी खूबसूरती देखा और मुझे इश्क हो गया
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तस्वीरें भी कमाल करती है
तक़्दीरों से सवाल करती है
दूर हो पास हो गैर हो खास हो
और हक हो तो इंतजार करती है
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Life is a journey that begins with a lot of expectations and ends with an experience— % &
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दुनिया का दस्तूर है मिलकर बिछड़ना
लोगो का फितूर है अगर बदलना
तो चलो ऐसी राह पर, जहा दूसरा रास्ता न हो
निभाएँगे साथ उम्र भर किसी और से कोई वास्ता न हो
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मेरी ख़ामोशी की हर दास्ता बेहतर है
दर्द है लेकिन न पूछों कैसा खंजर है
और महसूस किया जब भी रूबरू उसे ,
सुकून का हर पल उसके अंदर है
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मोहब्बत तमाशा नहीं संयोग है
और अब लफ्जो में बयां नहीं होती हर दास्ता
इसीलिए जुबाँ खामोश है — % &-
मेरी ख़ामोशी का पता मुकरर्र कर दो
मेरी मदहोशी की वजह मुकरर्र कर दो
आजीवन कैद हो जिसमे प्यार मेरा
वो सजा ताउम्र मुकरर्र कर दो — % &-