पता है,
चाँद क्यों इतना अकेला है,
क्योंकि उसमें दाग है।
पता है,
सूरज क्यों इतना अकेला है,
क्योंकि उसमें आग है।
पता है,
हवाएं क्यों इतनी लुभावनी है,
क्योंकि उसमें राग है।
पता है,
जीवन इतना कठिन क्यों है,
क्योंकि उसमें रात है।
पता है,
आशाएं क्यों इतनी कठोर है,
क्योंकि उसमें आज है।
पता है,
मुझमें क्यों इतनी शिकायतें हैं,
क्योंकि तुममें राज है।।
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