अपनों ने दिए ज़ख़्म, गैरों ने नमक छिड़का,
होश संभाला जब से, हर इक सबक़ याद है।-
"𝘡𝘢𝘳𝘢 𝘢𝘱𝘯𝘢 𝘣𝘩𝘪 𝘬𝘩𝘢𝘺𝘢𝘭 𝘳𝘢𝘬𝘩𝘢 𝘬𝘢𝘳..."
मेरी जान,
तू सबका ख़्याल रखती है, बस खुद से बेगानी सी है...
तेरी मुस्कान तो है, पर आँखों में पानी सी है.
मैं हर दिन देखता हूँ तू कितनी थक जाती है,
फिर भी कह देती है "मैं ठीक हू.." जैसे हर बात छुपा जाती है.
ज़रा अपने लिए भी जीना सीख जा तु,
ज़रा अपना भी ख़्याल रखना सीख जा तु.
मैं हूँ तेरे साथ, हर मोड़ पे तेरा साया बन के,
पर तू अपनी भी तो दुनिया है ये क्यूँ भूल जाती हो?
मुझे तकलीफ होती है जब तू खुद से लापरवाह होती है...
तेरे हर आंसू की कीमत मेरी हर दुआ से ज़्यादा होती है.
बस इतना कहना था तू मेरी ज़िन्दगी है,
और मैं चाहता हूँ तू खुद के लिए भी जिए-
"खामोश सी है"
खामोश सी रहती है,
पर दिल में तूफान है,
मेरी हर बात को सुनती है,
जैसे उसमें जान है.
मैं पूछूं तो कह देती है, "सब ठीक है" बस,
पर उसके चेहरे पे लिखी हर एक बात है.
ना गिला है, ना शिकायत, ना कोई दास्तान है,
फिर भी उसकी खामोशी में एक गहरी पहचान है.
मैं चाहूँ की वो खुल के अपनी बात कहे,
पर उसका प्यार भी तो खामोश उसके जैसा है.-
"एक लड़का है"
एक लड़का है
जो तुम्हें बोहोत प्यार करता है
जो तुम्हें बोहोत याद करता है..
जो डरता है तुम्हें खोने से
जो डरता है तुम्हारे रोने से..
जो दिल की तुम्हें कह नहीं पाता
जो तुम्हारे बगैर रह नहीं पाता..
जो तुम्हें पाने को तरसता है
जो तुम्हें देख कर हंसता है..
जो खुदको तुम्हारा कहता है
जो तुझे सबसे ज्यादा प्यार करता है..
जिसकी तू मोहब्बत है जान है
जो तेरे लिए रहता परेशान है..
उस लड़के से अभी तक बेखबर है तु,,
वो लड़का हान वो लड़का मैं ही हून...-
मैं जल्दबाज़ी की दुकान,
तू सुकून भरा इत्मिनान प्रिये !
मैं एक मुसाफिर बादल हूँ,
तू ठहरा हुआ आसमान प्रिये !!
मैं पत्थर मिट्टी से बना घर,
तू कोई महल आलीशान प्रिये !
मैं अंजान सा रास्ता कोई,
तू जाना माना मुकाम प्रिये !!
मैं उलझन सारी सुलझा दूँ तेरी,
तू किस बात से है परेशान प्रिये ?
मैं रख रहा हूँ हथेली पर इश्क़ तेरी,
कभी तो आँखे खोल और पहचान प्रिये !!!-
एक इंच भी छोड़ने का मन नहीं करता
किसी झगड़े की जमीन सी लगती हो तुम😍-
"आपके बाद मेरी कोई मनोकामना नहीं है,
मेरी सारी मनोकामनाओं का पुण विराम हो आप...!!"-
एक दिन तुम्हारे कर्म तुमसे मिलने आएंगे,
बस उस दिन हैरान मत होना,-
Dil ❤️ ki baat Dil ❤️ se 💞
Kucch Sawal Hai Mere, Jawab De Paogi Kya....?
Tumse Milne Ke Khwaab Dekhta Hu Mere Khwaab Ko Tum Haqikat Bna Paogi Kya...?
Bahot Galtiyan Karta Hu, Tum Kabhi Mujhe Sambhal Paogi Kya...?
Tum Mujhe Dekho Aur Mai Khamosh Ho Jau To Tum Meri Khamoshi Ki Wajah Samajh Paogi Kya....?
Kah Du Tumhe Sidha Mere Dil Ki Baat To Tum Bhi Apne Dil Ki Baat Btaogi Kya...?
Mai Jitna Tumhe Chahta Hu Tum Bhi Mujhe Utna Chah Paogi Kya....?
Mere Dil Me Sirf Tumhari Hi Jagah Hai Tum Bhi Apne Dil Me, Mere Liye Jagah Bna Paogi Kya.....?
Tum Mujhe Apna Bna Paogi Kya Tum Mujhe Kabhi Apna Samajh Paogi Kya...?-
Aisa hi hoon mai, sambhal logi kya?
Mai bolta kam hun
Meri khamoshi se baat samajh paogi kya?
Mai sochta bohot hun
Meri soch ko sambhal paogi kya?
Mai short tempered hun
Mere gusse ko jhel paogi kya?
Mai nirash ho jau kabhi
Toh mujhe mana paogi kya?
Mai kamyaab banna chahta hun
Meri kamyabi ka hissa ban paogi kya?
Mai Tumse Pyaar Karta Hun
Toda pyaar Jaaogi kya?-