उसके करीब उसके आसपास होना
इसका मतलब है हर वक़्त उदास होना
उस से बिछड़े तो किसी के न हुए
क्या पता कैसा होता है किसी का खास होना
ज़मीन पे बिखरी मिट्टी अलग नहीं हमसे
ज़रूरी है हम सबको ये एहसास होना
जिस उम्र में इश्क करते हैं सब
उस उम्र में हमने सीखा उदास होना
कोई राह ना हो तो ही बेहतर है
बुरा होता है कोई भी आस होना
जो लोग खुश हैं मर चुके हैं वो सब
जीने का मतलब है उदास होना
इन मुश्किलों से क्यों निज़ात दे ख़ुदा
ख़ुदा ने ही सिखाया है उदास होना
ना हों तो कुछ देर रहेंगे चैन से
होने का मतलब है उदास होना
शाश्वत-
Songwriter
Poet
उसके ज़हर का अब असर क्यों नहीं जाता
ये लम्हा आख़िर गुज़र क्यों नहीं जाता
जो कहता हो कि हाँ मैं खुश हूं ज़िंदगी से
मुझे ऐसा कोई नज़र क्यों नहीं आता
मैं लड़ता हूँ उसके लिए सड़कों पे लोगों से
ऊपर से मुझे बचाने पैगंबर क्यों नहीं आता
उसकी आँखें आईना हैं, बाहें हैं घर
मैं चलता रहता हूँ मेरा घर क्यों नहीं आता
सुना है खुदा पूरी करता ख्वाहिशें
अगर ऐसा है तो मैं मर क्यों नहीं जाता
शाश्वत-
इस दुनिया में दो प्रकार के भगवान हैं
एक जिसने हम सबको बनाया
और दूसरा जिसको हमने बनाया
जिसने हम सबको बनाया
वो पूर्ण है, वो कुछ नहीं मांगता
पर जिसे हमने बनाया
वो लड्डू, वाइन और चादर मांगता है
जिसने हम सबको बनाया
वह सर्वशक्तिमान है
पर जिसे हमने बनाया
वो इतना शक्तिशाली नहीं है, हमें ही उसकी रक्षा करनी पड़ती है
जिसने हम सबको बनाया
वो काफ़ी करूणावान है
पर जिसे हमने बनाया
वह हमारे ही जैसा लालची और मक्कार है
जिसने हम सबको बनाया
उसने दिए हैं कई नियम व कायदे जिन को हम मानते नहीं
पर जिसे हमने बनाया
हम उसको आदेश देते हैं, उम्मीद करते हैं कि हमारे हिसाब से दुनिया चले
जिसने हम सबको बनाया
वो अमर है, शाश्वत है
पर जिसे हमने बनाया
वह डर और झूठ की ज़मीन पे खड़ा है
इस दुनिया में दो प्रकार के भगवान हैं
हमें उन दोनों से बचने की ज़रूरत है-
इस दुनिया में दो प्रकार के भगवान हैं
एक जिसने हम सबको बनाया
और दूसरा जिसको हमने बनाया
जिसने हम सबको बनाया
वो पूर्ण है, वो कुछ नहीं मांगता
पर जिसे हमने बनाया
वो लड्डू, वाइन और चादर मांगता है
जिसने हम सबको बनाया
वह सर्वशक्तिमान है
पर जिसे हमने बनाया
वो इतना शक्तिशाली नहीं है,
हमें ही उसकी रक्षा करनी पड़ती है
जिसने हम सबको बनाया
वो काफ़ी करूणावान है
पर जिसे हमने बनाया
वह हमारे ही जैसा लालची और मक्कार है
जिसने हम सबको बनाया
उसने दिए हैं कई नियम व कायदे
जिन को हम मानते नहीं
पर जिसे हमने बनाया
हम उसको आदेश देते हैं,
उम्मीद करते हैं कि हमारे हिसाब से दुनिया चले
जिसने हम सबको बनाया
वो अमर है, शाश्वत है
पर जिसे हमने बनाया
वह डर और झूठ की ज़मीन पे खड़ा है
इस दुनिया में दो प्रकार के भगवान हैं
हमें उन दोनों से बचने की ज़रूरत है-
सब कहते हैं चार-चार हाथ हैं उसके ऐसा कुछ भी नहीं जो वो नहीं कर सकता
इतना ही शक्तिशाली है वो अगर तो दिलों से नफ़रतें खत्म क्यों नहीं कर सकता-
एक वक्त नहीं ये होता सुबह शाम है
मेरे लबों पर होता बस तेरा नाम है
तुझे लगता है मैं तुझको छोड़ दूँगा
इसे गलत साबित करना अब मेरा काम है
कल रात भर याद किया मैंने तुझको
तुझे जो आई वो हिचकियां नहीं पैगाम है
मैं क्यों जाऊं मयखानों में पीने
तेरी आँखों से भी तो छलकती जाम है
मैं क्यों जाऊं किसी मंदिर मस्जिद
तेरे क़रीब होना ही मेरा आराम है
क्यों माँगे ख़ुदा से कुछ भी शाश्वत
इश्क़ हो जाना क्या छोटा इनाम है-
अब लिखने को कुछ भी नहीं
अब कहने को कुछ भी नहीं
जो उसमें ही मिल गया है, अब
बचा उसमें बहने को कुछ भी नहीं
क्यों बार-बार एक ही बात को कहा जाए
अलग-अलग तरीकों से
क्यों ना खामोश रहा जाए और
मुक्त हुआ जाए सारी तकलीफों से
मैं क्यों पड़ूं किसी मसले में
या फिर किसी अड़चन में
मैं अब वही हो गया हूं,
जो था मैं कभी बचपन में
अब बचा नहीं कुछ लिखने को
अब बचा नहीं कुछ कहने को
लेकिन फिर भी तुम सुन ना
कुछ न कुछ सुनाई ज़रूर देगा
उसे सुन ना और वही हो जाना-
होंगे नहीं तेरे, ये जानते हैं हम भी
पर होने चाहिए ज़िंदगी में कुछ वहम भी
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जो कहते हैं कि खुदा नहीं है
इश्क़ उनको हुआ नहीं है
मैं क्या बताऊं क्या होती जन्नत
तुमने मुझको छुआ नहीं है-
ना कुछ बनाने के लिए, ना कुछ करने के लिए
हम सब पैदा होते हैं, एक दिन मरने के लिए
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