इस कदर ढूढता हूं तेरी उस पुरानी तस्वीर को,
मानो चाहत है खुदा पाने की, किसी फकीर को।-
अब डर सा लगता है...
अपनों को खोने का,
अपनों के रोने का,
खुद को कुछ होने का,
अब डर सा लगता है...
😔😔😔😔-
मेरे हमदम मेरी दोस्ती का बस इतना सिला देना,
मेरी सजी अर्थी को उसका कांधा दिला देना,
जब आएंगे मेरी मय्यत पर मुझे चाहने वाले,
'मैं मर गया हूं' ए कहकर जरा उसे बुला देना।-
तेरी चाहत सबको हराने की, तूं परशुराम है क्या ?
तेरी चाहत सबको रिझाने की, तूं घनश्याम है क्या ?
जो कुछ भी दिया है रब ने तुझे, उसे कुबूल कर..
तेरी चाहत सीता पाने की, तूं श्रीराम है क्या ?-
साहस मां🧑🍼से सीखो— जो जान की बाजी लगाकर अपने बच्चों को जन्म देती है।
धैर्य पिता🧑🦳से सीखो— जो अपने परिवार की खुशी के लिए महीनों अकेले जिंदगी बिताता है।
त्याग बहन🙎से सीखो— जो अपने हिस्से का सब कुछ त्याग कर किसी पराए के घर चली जाती है।
जिम्मेदारी बड़े भाई🧔से सीखो— जो पिता के बाद सभी जिम्मेदारियों को अपने कंधे पर उठाता है।
भरोसा पत्नी🧑से सीखो— जो किसी अजनबी इंशान पर भरोसा कर, उसको अपनी जिंदगी की बागडोर सौंप देती है।-
बड़ा मुस्कील है रिश्ते निभाना इस जिंदगी की कश्मकश में,
कुछ रूठ जाते हैं, कुछ छूट जाते है।-
जला है घर मेरा अब किसके घर जाऊं ?
ठहरना मुनासिब नहीं अब किसके शहर जाऊं ?
भूलना फितरत है तेरी तो भूल जा मत याद रख,
बस दुआ कर कि तेरे भूलने से पहले मैं मर जाऊं।-
मैं भूला नहीं हूं तेरे ज़ुल्म-ओ-सितम,
तूं बस इतना समझ कि, भूल गया हूं।-
मैं भूला नहीं हूं तेरे ज़ुल्म-ओ-सितम,
तूं बस इतना समझ कि, भूल गया हूं।-