तुम्हारे बाद बड़ा फर्क आ गया हममें
तुम्हारे बाद किसी से ख़फ़ा नहीं हुए हम
©शशिकांत-
🔸🆀🅾🆄🆃🅴 🆆🆁🅸🆃🅴🆁
🥀𝓶𝓸𝓱𝓫𝓫𝓪𝓽_𝓴𝓲_𝔂𝓪𝓭�... read more
फिर तेरी वादा-ओ-क़सम याद आए
तेरी चाहत के हर सितम याद आए
किस क़दर चोट लगी है दिल पर मेरे
खुदकुशी करते वक्त तुम याद आए
याद जब आया तेरा नाम मुझको
कितने बे-नाम से ग़म याद आए
जाने वो कैसा सफ़र था मेरा तेरे साथ
जिस का इक एक क़दम याद आए
फिर मेरा ज़ेहन है उलझा उलझा
फिर तिरी लट-ए-जुल्फें याद आए
और भी लौ-ए-याद तेज़ होता है
जब भी चाहा कि तू कम याद आए
कौन 'शशी' पुकारे तुझको यहां
किस को तन्हाई में तेरा याद आए
©शशिकांत ✍️
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काश! कोई तो होता
जो मुझे मुझसे बेहतर समझता
मैं जो रूठ जाऊँ कभी
प्यार से मुझे मनाता
मेरी बातों को दिल से ना लगाता
छोड़कर मुझे कभी ना जाता
काश ! कोई तो होता
जो घडी दो घड़ी नहीं जीवनभर साथ निभाता
फूलों सी राह हो या काँटो का सफर
हरपल हाथ थामें रखता
साया बनकर हरदम साथ चलता
छोड़कर मुझे कभी ना जाता
काश ! कोई तो होता
मुझे मुझसे ज्यादा चाहता
माँ सी ममता और पिता सा प्यार
जिंदगी भर मुझ पर लुटाता
दोस्त बनकर दुनिया के दर्दे मिटाता
छोड़कर मुझे कभी ना जाता
काश! कोई तो होता...........!!!
काश! कोई ऐसा भी होता.......!!!
@शशिकांत✍️-
تیرے دل کی دھڑکن اب بھی کسی کے دل میں ہے
کسی کی آنکھوں میں تیری موجودگی آج بھی ہے
زندگی سے شکایت ہے تو یاد رکھنا
تم ابھی تک کسی کی زندگی میں غائب ہو
©ششی-
मैं आइना हूं मुझे एहतियात से देखो मियां
मैं अपनी तरफ से किसी को कुछ नहीं दिखाता
@शशिकांत-
🥀 एक हसीन मुलाकात 💞
जाने क्या हो गया पहली ही मुलाकात में,
मेरा दिल मेरा ना रहा पहली ही मुलाकात में,
नजरों से नजरें मिली तो ऐसा समां बन गई,
उसके दिल में मैं और मेरे दिल में वो उतर गई,
हर सांस जैसे उसके पास गिरवी हो गया,
जाने कैसे मैं उसकी प्यार में फना हो गया,
चेहरे की मुस्कराहट तो सभी देख रहे थे,
उदासी मेरी आँखों की उसे नजर आ गई,
कोई तो ख़ास बात थी उसकी निगाहों में,
जो मिलते ही उस से नज़र मेरे मन में समा गई,
जादू कुछ ऐसा हुआ उसकी मुस्कान का...
प्रीत पर मुस्कान ही मुस्कान छा गई,
कहने को तो कोई नहीं है वो मेरा,
लेकिन सच में वही है सब कुछ मेरा,
मोहिनी है सूरत, उसकी मोहक है मन,
लगन में उसकी सुध बुध भूला मेरा तन,
कोई और नहीं वो तो मेरी खुशी है .... ( :
जी करता कि उतर जाऊं उनकी अंतरमन में
फिर देखूं कि उनको भी हमसे मोहब्बत है कि नहीं !!!
और फिर उनकी लबों ने बे इज़हार ए ईश्क बोल दीं ) ;
@शशिकांत✍️-
क्यों भटकते हो सरे-राह बारिश का लुत्फ़ लेने को,
कभी मेरी आँखों में ठहर के देखो न तुम
ये बेइंतहा बरसती है आपकी मोहब्बत के खातिर....!!
@शशिकांत✍️-
सफर ये ज़िंदगी का है धूप भरा
थोड़ा अपनी जुल्फों का साया कर
दिल की बसायतों में घने अंधेरे हैं
रुख से परदा हटा रौशनी नुमाया कर
देख ना लें दुनिया वाले हमें साथ साथ
रूह की गलियों से आया जाया कर
बहुत उदास हैं, देख बूंद बारिश की
इन्हें मुस्कुराओ, थोड़ा भीग जाया कर
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ये ज़िन्दगी गुज़र गई कुछ इस तरह प्यार में
कभी शब ए फ़िराक में कभी तो बेकरारी में
मिले न फूल ग़र हमे कोई मलाल भी नहीं
हैं मुतमइन ये ज़िंदगी महक भरी बयार में
अगर देना तो सनम इसी जनम में प्यार दो
यकीन नहीं हमारा यार इश्क़ के इंतजार में
हुये हो जंग ए इश्क़ में कामयाब तुम सनम,
मिली है जीत हमको भी दिल की ये हार में
खिज़ां मे ग़र हो साथ तुम फिर ग़िला नहीं
बिन तुम दिल न लगता मौसम ए बहार में
महज इसे ग़ज़ल समझके फेंक न देना तुम
बयां है हाल ए दिल सुख़न के तार तार में
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जिन्हें नींद नहीं आती उन्हीं को मालूम है
सुबह होने में कितने जमाने लगते हैं !! !!
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