Shashi Dip   (Shashi Dip ©)
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Ponderer | Writer | Poet | Author | Social activist |Journalist | Motivator
Joined 16 December 2017


Ponderer | Writer | Poet | Author | Social activist |Journalist | Motivator
Joined 16 December 2017
22 FEB AT 9:18

हर इंसान के अंदर बुराईयां होती है
पर कुछ ही लोग अपने अंदर
झांकने की कोशिश करते हैं
उन्हें फुर्सत ही कहाँ??
आखिर दूसरों की बुराईयों का लेखा-जोखा
रखना,
फिर तड़का मारकर औरों को परोसना
मिलकर उसका स्वाद लेना
वक्त को यूँ बर्बाद करने का मजा ही कुछ और है...
खुद के लिए फिर वक्त ही कहां...
अपनी बुराईयों को जरूरत ही क्या है सुधारने की...
जिंदगी न मिलेगी दोबारा
जियो बिंदास बेपरवाह
लगे रहने दो खुद के अंदर जाला
साफ तो तब करोगे ना जब सोच पाओगे
आखिरी में ऊपरवाले को है मुँह दिखाना
और फिर तब मत रोना
जब तेरी हस्ती के अंदर मिलेगा बुराईयों का पुलिंदा
तेरी हर गलती की मिलेगी तुझे सज़ा
तब वक्त न होगा और सीधे हिसाब होगा
इसलिए खुद को बेहतर सम्भाल
और दूसरों की महज खूबियों को उभार
ऊपर वाले के रहो शुक्रगुजार
जिंदगी खुद को समझने में गुजार!



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27 NOV 2024 AT 15:50

Sometimes we just act
But we don't plan and introspect,
Sometimes we just think and speak
But we never ever act;
Both are not the quality of
A matured person,
But none can realize most likely
When such things happen!

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25 DEC 2023 AT 6:12


Love, Unity & Brotherhood among us all. Because a nation where people live in unity has better chances of development compared to those where there is hatred and crime all around. Unity plays a major role in the development of a nation!

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16 APR 2023 AT 13:47

कभी ऐसी उदासी होती है
कि समझ में कुछ नहीं आता
किस बात से हूँ ख़फ़ा
किसने की है खता
क्या दे रहीं हूँ खुद को सजा
या आ रहा है बड़ा मज़ा
इन सवालों का जवाब कोई
जवाब नहीं मिलता
सच कुछ समझ नहीं आता!

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16 APR 2023 AT 13:32

हर दिन का कोई पल नहीं ऐसा
जिसमें तुम न हो..
रूह में ख्वाबों ख्यालों में
बसे जो हो!


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28 FEB 2023 AT 0:30

ऐ मेरे हमदम!
मेरे दिल के जख्मों को
मरहम की ज़रूरत नहीं,
बस तुम्हें इतल्ला
कर देना ही काफी है..
शिद्दत से सुन लेते हो
दर्द रुखसत हो जाता है कहीं!

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3 FEB 2023 AT 17:56

मेरे काम आये कुछ लफ्ज़...
ऐसी बातें रोज़ किया करो
तुम मेरे लिए खास हो
मेरे लिए कुछ वक्त
जरूर निकाला करो!

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3 FEB 2023 AT 15:29


ऐ मेरे हमदम!
तुम मेरी अहमियत समझते हो,
मुझे पलकों में बिठाके रखते हो;
मेरे पसंद नापसंद पर गौर करते हो,
मेरे जज़्बातों को अच्छी तरह समझते हो;
और क्या चाहिए मुझे
तुमने इतना सब तो दिया
काफी है इस अहम एहसास के लिए
कि मैंने तुमको पा ही लिया!

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4 JAN 2023 AT 18:56


ऊपरवाला हर एक की सुनता है,
हर एक को देखता है;
सबको परखता है,
सबका भला करता है;
पर कभी-कभी उनका
कठिन इम्तिहान लेता है,
जो दिल का नेक होता है,
जो सब्र करना जानता है;
जो सुलझा हुआ इंसान होता है,
ऊपरवाला उसे कठिनतम
हालात में डालता है,
पर एक दिन उसे सबसे
शानदार इनायतों से नवाज़ता है;
और अपने प्यारे बन्दे को
दुनिया में खास बनाता है
शायद इसीलिए रब पर
सबका भरोसा होता है!

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13 NOV 2022 AT 7:04

बरसों से लेखनी का जुनून होने की वज़ह से प्रतिदिन कुछ नए शब्दों से वास्ता होना मेरी रोज़ की दिनचर्या में शुमार है। नए शब्दों के बारे में जानना, उनकी उपयोगिता समझना और उस पर चिंतन करने का आनंद ही कुछ और है। मुझे बेहद खुशी मिलती है। इस रूझान के कारण एक दिन मुझे एक ऐसे शब्द का पता चला जिसका अर्थ है किसी और की खुशी को छीन लेना, यहूदी शब्द है "नीशुमा" कहते हैं दूसरों की खुशी को छीनना या ईर्ष्या भाव से उसे नजरअन्दाज करना एक तरह से पाप होता है। इस सच्चाई से महरूम कई बार हम जाने-अनजाने में दूसरों की खुशी का हनन कर देते हैं।

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