खुद से खुद को..
खुद को सार्थक करने को ।— % &-
Shashi Anand Singh
(~~~"वैरागी मन"~~~)
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सीख रहा हूं
खुद से...
प्रकृति से...
.
.
.
किन्हीं की भावना आहत हो तो
क्षमा करें...।
🔱भोले - भवान... read more
खुद से...
प्रकृति से...
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किन्हीं की भावना आहत हो तो
क्षमा करें...।
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Joined 5 May 2020
26 JAN 2022 AT 20:39
आंखों का वो गठबंधन
जो एक एक - दूसरे को देख सुकून पाती है ।
क्या भूल पाओगे
दिलों की वो धड़कन
जो एक साथ धड़का करती है ।
क्या भूल पाओगे
वो मौन अभिव्यक्ति
जो कहे बिना ही एक - दूसरे को समझ आती है ।
— % &-
23 JAN 2022 AT 9:32
ऐ साजन.!
न भूख प्यास सताए
न सजना संवरना भाय
तेरी याद में हूं ऐसी
जैसे तितली बिन पंख फड़फराए ।
न हंसी खुशी बुझाए
न कुछ समझ आय
तेरी याद में हूं ऐसी
जैसे मछली बिन पानी तड़प जाए ।-
20 JAN 2022 AT 22:09
सांसों की डोर से बंधा है तेरा - मेरा रिश्ता
जीते जी न टूटेगा ।
-
17 JAN 2022 AT 13:42
तुम से क्या कहूं बाबा !
जैसे तुम अव्यक्त हो...
वैसी ही हैं मेरी भावनाएं...
बस स्वीकार कर लो ।-
15 JAN 2022 AT 13:15
ऐ चांद !
मेरे पास भी एक चांद है ।
तुझमें तो कई दाग है
पर मेरा चांद बेदाग है ।-