वक्त चाहिए या सफ़र चाहिए,
बोल तो सही तुझे क्या चाहिए,
कभी चैन तो कभी रफ्तार चाहिए,
कितनी बगैरत है कि क्या चाहिए,
अब तो नहीं रहा कुछ भी मेरे पास,
जो भी है वो सब तेरा है जिंदगी ।।-
Traveller
Engineer
Wanderlust
Make memories and leave footprints
जन्मभूमि - काशी
कर्मभूम... read more
वो कहता था ना मैं की सब ठीक है,
पर तुम नासमझ थे जो मान लिया करते थे ।।-
ज़िक्र नशे का हो रहा था,
लोग शराब की बातें कर रहे थे,
मैं ज़िक्र तेरी निगाहों का कर आया ।।-
इतनी परेशानी क्यों है,
साथ मैं हूं फिर भी इतनी हैरानी क्यों है,
तंग दिल है तंग मन है,
साथ मैं फिर भी इतनी नादानी क्यों है,
आओ जिएं वो शामें फिर से,
साथ मैं फिर भी इतनी हैरानी क्यों है,
बैठो साथ तो फिर से करें वो लम्हे हसीं ।।-
कई थे सवाल इस जिंदगी से,
कुछ अनकहे रहे कुछ अनसुने,
कुछ राहों में छूटे तो कुछ बाहों में,
कई भूले सफ़र में तो कई शहर में,
साथ तो था कुछ पल कुछ क्षण का,
सवाल तो बवाल हुए पूरी जिंदगी के ।।-
हम ने रब समझकर इंतज़ार किया जिनका,
वो हमें नाचीज़ समझ कर छोड़ गया ।।-
अब नजदीकियां कम,
और फासले ज्यादा हुए,
कुछ तुमने किए गिले,
कुछ सिकवे हमने भी रहने दिए ।।-
या दिल बहलाने आए हो,
जो है सच्चाई से बयां कर दो,
ये झूठे दिलासे देने ना आओ ।।-
क्यों बड़ा गुरूर था न तुम्हें खुदपर,
इश्क़ क्या हुआ बैठ गए टूटकर ।।-
हम इंतज़ार करते रहे उनकी फुर्सतों का,
उन्होंने तो हमें अपनी जरूरतों में भी न रखा ।।-