दुखेगा बदन थकान से, पर असली दुख होगा जब मन थक जाएगा! उस दुख को बहा देना आंसू में, रोना दिल हल्का हो जाने तक और फिर लग जाना ज़िंदगी की पहेलियों को सुलझाने में, इस संभावना के भरोसे की “वक़्त ही तो है, बदल जाएगा”
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कितने जज़्बात उकेरे थे, कितनी रातें लगा दी थी,
कितने ही पन्ने फाड़े थे, कितनी स्याही बहा दी थी।
जिस दिन था टूटा सारा ख़ाब, ना जाने कैसे सोया होगा,
अपने ही हाथों ख्वाब जला, वो कितनी देर तक रोया होगा।-
जब मिलता नही कोई तरीका खुद को बुझाने के,
तो वो ढूंढता है सड़क के किनारे उस पनवाड़ी को
जो उसके हाथों में थमा देता है वो आग
और एक चाय की प्याली,
उस आग में वो सुलगाता है खुद को भी,
और प्याली के साथ पी जाता है अपने सारे आंसू जो वो किसी और के सामने बहाने से कतराता है।
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एक परिंदा था,
जो ताकते रहता था आसमान में उड़ते बाकी परिंदो को औऱ रचता था सपने, सूरज की किरणों से रंगे आसमान में खो जाने के, मीलों की दूरी को अपने एक उड़ान से नाप लेने के,और सबसे ऊंचे पेड़ पर अपना घोंसला बनाने के।
जिसे था ये विश्वास की वो उड़ने के लिए ही बना है,
पर हर बार जब वो अपने पंख फैलाता "शिरा" तक पहुचने,
कभी जकड़ लेता कोई जाल या कभी आ जाता तूफ़ान कहीं से और पटक देता उसे "शून्य" पर,
वो इतनी दफ़ा गिरा की उसे खुद के पंखों से भरोसा उठ गया था, उसे यकीन होने लगा था कि शून्य ही उसका सत्य है।
पर एक दिन सहसा आया एक बुलावा परदेस का, उसने आँखे मिची, फ़िर से पंख फैलाये और अपने आखिरी सांस तक का जोश लगा के मारी एक छलांग, और फिर ना कोई तूफान उसे रोक पाया ना ही कोई जाल उसे जकड़ पाया.
फ़िर बन गया वो मिसाल, उन टहनियों में बैठे परिंदो के लिए, जिन्हें अभी शुरुआत करनी है "शून्य" से.-
ना जाने मेरी स्याही पे, कैसे तेरे इश्क़ का रंग चढ़ा,
की जब जब मैंने इश्क़ लिखा, लोगो ने तेरा नाम पढ़ा।-
कोई उसके नाम के सिंदूर भरी मांग पे आँचल सजाए बैठी थी,
वो किसी और के बदन से कपड़े हटाने की तमन्ना लिए बैठा था।
प्रेम और विवाह...!
New story coming soon!
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जहाँ अक्सर मैं तुम्हें लेने आता था,
मुझे उन चौराहो से भी इश्क़ हो चुका है,
जब तुम चले जाओगे,
मैं और वो सारे चौराहे तुम्हारा इंतेज़ार करेंगे,
ये जानते हुए भी, की तुम नहीं आओगे,
तुम्हें ढूंढेंगे,
की कहीं तूम फिर अपनी स्कूटी वहीं छोड़,
मेरे पीछे आकर बैठ जाओगे.
जब तुम चले जाओगे।
(Full Poetry Coming Soon)
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वो स्त्री है,
वो कुछ भी कर सकती है। ❤️🙏
And it is the truth!!
Happy women's day.
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होगी मोहब्बत कुछ और इस ज़माने के लिए,
एक तस्वीर ही काफ़ी है, ज़िन्दगी बिताने के लिए,
कृष्णा राधा है प्रेम की परिभाषा, पर मैंने मीरा सा चाहा है तुम्हे,
तुम्हारा नाम ही काफ़ी है, सबकुछ लुटाने के लिए।-