Sharmin Sheikh   (Joya ❤️)
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😂kya likhu mai😊😊ap khud Jan jao 😉😉😉
Joined 25 March 2020


😂kya likhu mai😊😊ap khud Jan jao 😉😉😉
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7 MAR 2022 AT 23:08



दिल का होना महसूस हुआ......
दर्द का रोना महसूस हुआ........
रोना है मुझे सुकून से कही....
बेचैनी का होना महसूस हुआ....
सो जाऊं रात से गले मिलकर...
फूल का होना महसूस हुआ...
पत्थर का रोना महसूस हुआ...

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6 MAR 2022 AT 19:01

ख़ूब इश्क़ किया..भरपूर इश्क़ किया..।
मैंने बेजान से दिल को बोलने का जरिया अंदर दिया।।

जो भी थे सुहाने थे दिन मौसम-ए-बहार के..।
मैंने इश्क़ किया इज़हार किया..उन्हें इल्तिफ़ात इस क़दर दिया।।

कुबूल कि ,उन्होंने शर्मा कर मेरी चाहत को..।
मैंने ख़्वाबों को खेलने बिन कश्ती नया-नया समंदर दिया।।

यूँ ही रूठा यार... मुझसे मेरा ऐसे की...।
मैंने ख़ुद को बेबस किया.. एक दर्द को ख़ुद में दर दिया।।

ए इश्क़ हम भी छुपछुप कर रोए हैं तन्हाई में..।
शिकवा किसे करूँ.. मैंने ही मेरी जिंदगी को रोता मुकद्दर दिया।।

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15 FEB 2022 AT 19:24

ख़्याल आते हैं तुम्हारे
मुझे दिन-रात...
मेरी चाहत हो तुम....
न जाने मेरा दिल बेचैन
क्यों हो जाता है...क्यों मुझसे रहा नहीं जाता.. एक पल को तुम्हारे ख़्याल से ख़ुद को दूर नहीं रख पाती हूँ... मेरी आँखें मुंतजीर रहती है तुम्हारे दीदार को......लगता है मेरी मोहब्बत दिन-ब-दिन बढ़ते जा रही हैं...

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14 FEB 2022 AT 14:08

एक ज़ख्म दिल को छेड़े जा रहा है..
मुश्किल है कितना अश्कों को छुपाना
वो शख़्स जज़्बातों के मज़े लिए जा रहा है...।

मेरे बीते दिनों को याद करूँ मैं...
आज मुझ को उनके बातों का अंदाज
कितना सताए जा रहा है...।

एक बेचैनी सी थी मुझे कल से...
वो शख़्स क्यों अचानक ख़ुद को यूँ
बदले जा रहा है...।

मेरा दिल कहता है मैं अकेली नहीं...
मेरे जैसा दर्द लिए होंगे कई लोग
गुजरते दिन फ़रवरी के वो और भी
याद आए जा रहा है...।

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12 FEB 2022 AT 18:18

तुम्हारी बाहों में मुझको ज़रा पनाह दे दो..
दिल की जमीं तुम्हारी..तुम्हारा आसमां दे दो..

ख़्याल रखूँगी तुम्हारा मेरे हमदम.. मेरी बेचैन धड़कनों को सुनो ज़रा.. तुम उन्हें ज़बान दे दो..

बाहों में तुम्हारी बिता दूँ.. मैं मेरी तमाम उम्र... तुम भी सुकून भरा एक पल एक लम्हा दे दो..

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11 FEB 2022 AT 13:17

आप मोहब्बत हो मेरी.. आप को देखें बग़ैर दिल नहीं लगता..मेरे लिखे शब्दों को शादाब कर देते हो..आपका नज़रअंदाज़ मेरे दिल को ज़ख्म देता है..आपका हर कहा हुआ लफ़्ज़ मेरे दिलों-दिमाग में बसता है..

मेरी फिकर में दिल जलाते हो बेचैनियाँ बढ़ाते हो..मेरी बातों को दिल पर लिए मासूम दिल को मायूसी दिलाते हो..कितनी अज़ीज़ हूँ मैं आपके लिए मुझे चाहते हो आप..मुझसे कितनी उम्मीद लगाते हो..

आपकी मोहब्बत आपको हमेशा सलामत देखना चाहती हैं..अल्लाह आपको अपने अमान में रखें..दो दिलों में मोहब्बत कम न हो अल्लाह दिलों में मोहब्बत का चिराग़ जलाए रखें.. वादे काफ़ी होते हैं बीच में एक वादा आपसे की... "दूर होकर भी आप-मैं यादें ज़हन में ताज़ा रखें"..

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13 JAN 2022 AT 12:40

आज भी मुझे बे-इंतेहा मोहब्बत है..सब कुछ जानता मेरा रब है।।
कैसे बताऊँ मेरा हाल..तड़पती मेरी आँखें सहर-ओ-शब है।।

मैं तन्हा यूँ ही गुजरता हूँ..आज भी उसी राह से।
कभी बिछे थे फ़ूल रहो में आज आलम ही अजब है।।

मेरा दिल करता हैं की... तेरी तस्वीर देख-देखकर मुस्कुराते रहूँ मैं।
तेरी ख़ूबसूरती माशाअल्लाह.. ख़ैर तू तस्वीर के अलावा मिला कहाँ कब है।।

मेरा दिल अब भी मुन्तजिर है.. तेरी धड़कनों से मिलने को।
मेरी क़लम बयां करती है.. हाल-ए-दिल मेरे आज भी ख़ामोश लब है।।

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24 DEC 2021 AT 18:13

शब्दों को आख़िर ज़ाहिर कैसे करूँ मैं??
रोती है आँखे.....दिल के दर्द कैसे सिया करूँ मैं??

यक़ीनन मैं नहीं तेरे चाहत के लायक|
ख़ामोशी..बेचैनी..यादें..तड़पन कैसे जिया करूँ मैं??

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18 DEC 2021 AT 20:39

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13 DEC 2021 AT 13:59

गुम उनकी यादों में..उनका ख़्याल ज़हन से क्यों नहीं जाता।
आज फिर वक़्त नहीं उनको..दिन ये जल्द गुज़र क्यों नहीं जाता।।

कहीं बैठे थे साथ..दोनों जानिब से चुप कोई बात नहीं हुई।
लिख दूँ ग़ज़लें कई..सामने उनके मिसरा तक बताया क्यों नहीं जाता।।

अयादत को मेरी आया करें..ए-मेरे हमदम मेरे ग़म-ख़्वार।
बेचैन हूँ मैं आज-कल तस्वीरें देख..दिल सुकून से सो क्यों नहीं जाता‌।।

दरवाज़ें पर दस्तक दे वो मेरे..मालूम तो है पता घर का।
फिर कोई क़ासिद उनका ख़त लिए..मेरे शहर क्यों नहीं जाता।।

आइने में देखती हूँ साथ उनको..बहुत मुश्किल है साथ ज़िंदगी।
हाल से वाक़िफ हूँ..एक "लाल दुपट्टे" का आँखो से अरमान क्यों नहीं जाता।।

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