सिकवे दिलों पे हज़ार रखते हो
ख्वाबो का पहाड़ रखते हो
मुस्कुरा दो जरा सा हमें भी देख के
नए साल पर भी उधारी का हिसाब रखते हो-
फिर हार गया न जाने क्यों
नीद नहीं अब हल्की सी बेचैनी है
रात तो कट जायेगी करवट बदल-बदल के
सवाल तो जिंदगी का है ।
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सीरत सूरत बड़ी प्यारी तुम्हारी भी
माफ करना!
पर दिल कबका किसी और पे लगा बैठे थे हम
परख में कमी थी उनकी जिन्हें चाहा था हमने
जो दिल तोड़ आया उसी से दिल लगा बैठे वो सनम।-
तुमसे ही हां सिर्फ तुमसे ही
मोहब्बत है ये भी जानता हूं
पर तुझे नहीं ये भी मानता हूं
अब फिजूल सा लगता है इजहार करना
डर है भूल जाऊंगा मैं खुदको फिर इक बार
हार कबूल है उस बार की तरह।
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वो पूछते है कोई माशूका नहीं आपकी
कैसे बताऊं उन्हें
मुस्किल रात बुरे हालात में अकेला रोया हूं।-
इक बार नहीं कई दफा इजहार होगा
मैं बेशरम!
प्यार होगा तो तुमसे ही होगा
लहज़ा बदल बदल के देखा है तुमने हर नए सख्श के मिलने पे
हमारा इजहारे ऐतबार होगा तो भी तुमसे ही होगा।
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इक रोज उसे देखता रह गया मुरसद।
सूट पहने बैठी वो बड़ी प्यारी लग रही थी।।-
हस्ते हुवे लबों से कोई देखा न होता
मैं तेरी बेवफाई में आँशू बहा देता।-