तू कैसे अलग है!
तेरी बात ही कुछ अलग है, तेरी दिल पर दस्तक अलग है...
देखी है बहोत हसीनाए हमने, गर तेरी खुबसूरती ही अलग है...
नही सुझती शायरी मुझे और के लिए, तूझे देखकर मेरी लिखावट कुछ अलग है...
खिचा चला आता हूं तेरी तरफ, तेरे आँखो का नशा कुछ अलग है...
माहेफूस लगता है तेरे सीने सें लगकर, तेरे सीने कि गरमाहट कुछ अलग है...
दिल तो कई सो धडकते है इस जहां मे पर, तेरे धडकनो का संगीत अलग है...
दूर है तू मुझसे कोसो फिरभी, तूझसें मिलने कि प्यास अलग है
सिर्फ तेरा *शेरा*-
*तेरा मेरा इश्क*
तेरे मेरे इश्क मे थोडा फर्क तो है...
तेरे जिंदगी मे मेरी कोई हस्तीं नही
मेरे जिंदगी मे तू ही तू हसती है...
तेरे जिंदगी मे मैं नजारादाज सा हूँ
मेरे जिंदगी का हर अंदाज तू है...
तू कभी कभार मुझे सोचती होगी
मगर मेरे हर सोच मे बस तू ही तू है...
तू जवाबी मेसेज भेजती है मुझे
मेरा हर मेसेज सिर्फ तेरे लिए है...
तेरे ख्वाब मे मेरी कोई जगहा नही
और मेरे ख्वाब बस तू ही तू बसी है...
तेरे पास मेरे लिए कोई वक्त नही
मेरा पुरा वक्त फकत तेरे लिए है...
तेरे दिल मे मेरी कोई जगहा नही
मेरे दिल मे बसी सिर्फ तू ही तू है...
तेरे मेरे इश्क मे थोडा फर्क तो है...-
हमेशा सत्य बोलना, राह असान बना देता है...
माता पिता कि सेवा करना, राह...
मन से सरहना करना, राह...
नेक सें काम करना, राह...
मन सें प्रेम करना, राह...
सदा मुस्कुराते रहेना, राह...
नियत साफ रखना, राह...
हमेशा सदचरित्र रहेना, राह...
धर्म का अनुकरण करना, राह...-
ही गुलाबी हवा, ही गुलाबी हवा
सहवास मला तुझा हवा हवा
चेहरा तुझा वाटे रोज नवा नवा
मन माझे नभी उंच भरारी घेई...
जसा हंस पक्ष्यांचा तो असे थवा
तुझं चुंबनास मी अतूर झालो...
ओठ तूझे आहेत जसा गोड खवा
ही गुलाबी हवा, ही गुलाबी हवा.......-
राम राज्य अवतरले
दैत्य पुन्हा हारले
त्रेता यूगाची चेतना
प्रत्येकाच्या अंतरमना
जय श्रीराम ची गर्जना...
झाले हजर अष्ट चिरंजीव
साक्षी होण्यास हा उत्सव
रामलल्ला बसतील सिंव्हासना...
स्वर्ग देव अप्सरा करती पुष्पवृष्टी
हनुमंत आले अयोध्येला
करिती रामलल्ला मुख दर्शना...
जय श्रीराम...
- (शेरा) शारंगधर पांडे...-
सर्द पडे इन रिश्तों को, प्यार की धुप जरुरी है।
खामोश से इन जज्बातो को, गर्म अहसास जरुरी है।
खो गए है सारे अपने, दफन हो चुकि है भावनाएं,
मुर्दो से पडे इन रिश्तो को, जिंदगी कि आहट जरुरी है।
आंखो मे है नीराशा भरी, इंतजार मे होगया जीवन बुढा,
राह तकते इन नयनो को, आशा का अंजन जरुरी है।
सर्द पडे इन रिश्तों को, प्यार की धुप जरुरी है। धृ।।
- (शेरा) शारंगधर पांडे...-
रात कि चादर ओढ ली है
हमने अपनी जिन्दगी मोडली है।
उन बेजान से रिश्तो से अब
हमने अपनी नाल तोडली है।
दुनिया के बेरुखी कि नाल से
हमने पट्टी आंखो पर जोडली है।
- शारंगधर (शेरा)-
एक ना एक दिन तुझे पा कर रहूंगा
तेरे दिल मे मोहब्बत का चिराग जलाकर रहूंगा
देखूँ तो कब तलक लोगी तूम मेरे सब्र का इम्तिहान
तेरी तसवीर को सिने से लगाकर रखूँगा
तू मेरी मोहब्बत क़बूल करेगी जरूर
वो दिन बहोत जल्द आएगा जरूर
तब तलक मै तेरा इंतज़ार करता रहूंगा
देख मेरी मोहब्बत ये आसमान फट जायेगा
धरती से भी लाव्हा निकल आयेगा
तब तूझे मेरे प्यार पर यकिन जरूर आयेगा
#शेरा #शारंगधरपांडे-
बेवफा के नाम एक पैगाम
वो जो दिल तुमने तोडने कि कोशिश की, वो दर असल तेरा था हि नही। वो तो तेरे पास दिल हि नही था इसलिए दिल के अहसास समझने के लिए मैने मेरा दिल तूझे दिया था। तूम तो पहेलेसे ही बे-दिल थी। वो जो खुषी थी तेरे चेहरे पर, वो जो प्यार का अहसास था तेरे अंदर, वो जो जिंदगी के पलो को तुमने खुशी से जिया है, वो सब मैने उधार दिये थे तूझे, जिसे तूम अपना समझ बैठी। जब मैने जाना के तुमको उसकी कोई अहमियत हि नही तो आज मै मेरा हर उधार वापस लेता हूँ। वो हसी, वो खुशी, वो सूकून, वो दिल, वो सकारात्मक सोच, वो सब आज मै तुमसे वापस लेता हूँ। आज के बाद तूम फिर वहि होगी जैसे मुझसे मिली थी। तूमने उसी दिल से खिलवाड किया जिसने तूम्हे जिंदगी जीना सिखाया। तूम्हे ये भी तमीज नही के दूसरो के उधार दिये बातो को सम्हाल कर रखा जाता है, क्योकी वो उधार लौटाना भी पडता है। वो कर्ज होता है तूमपर। #शारंगधर...-
भास मला होतो तू जवळपास असल्याचा
भास मला होतो प्रत्येकवेळी तूझा फोन असल्याचा
भास मला होतो तूझ्या त्या प्रेमळ स्पर्शा चा
भास मला होतो तू घट्ट मिठी मारल्याचा
उठता, बसता, झोपता, जागता, रात्रंदिवस
फक्त तूझाच चेहरा दिसतो मला
म्हणूनच ठेवतो उशाखाली फोटो तूझा...
*शारंगधरपांडे...-