Sharad Pyasi   (❝ कुछ अनकही बातें ❞ ✍🏻 🅂🄷🄰🅁🄰🄳 🕊️)
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Joined 12 April 2018


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Joined 12 April 2018
21 MAY 2020 AT 12:38

इतना मुश्किल भी नहीं,
अपने आप को पहचानना।

इस क्षणभंगुर जीवन में,
ना जाने किस बात में खोए है।
दूसरों को तलाशते तलाशते,
अपने आपको ही खोए है।।

भौतिक नींद से जागो मानुष
पहचानो अपने आप को।
शुद्ध करो आत्मा को को,
और धो डालो पाप को।।

आत्मसात करके ही तुम,
करीब होगे जीवन-सत्य के।
मिल जाएगी वो दिशा,
जिस लक्ष्य तक तुमको है जाना।।

इतना मुश्किल भी नहीं,
जब अपने आप को पहचाना।

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15 MAY 2020 AT 18:56

एक दूजे का हाथ थाम के,
जिंदगी के उस सफर में निकलते हैं,
जहां हम दोनों एक दूजे के हों..
चलो मेरे साथ,
एक दूसरे का साथ देते हुए,
ज़िंदगी की मुश्किलों को दूर करते है,
बहुत हो गया तन्हाइयों के साथ बिताया समय,
अब एक दूजे के दिलों को पास करते हैं,
चलो मेरे साथ
एक दूजे का हाथ थाम के,
जिंदगी के उस सफर में निकलते हैं,

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9 MAY 2020 AT 17:09

तूने क्या सोचा भूखा मर जाएगा भारत,
देख खेतों में किसान खड़ा है।
और चौराहे पर जाने की जिद मत करना,
वर्दी पहन कर वहाँ जवान खड़ा है।।

और तू क्या मारेगा हमें कोरोना,
हमारे देश के हॉस्पिटल में भगवान खड़ा है।
अरे इस देश के सामने तो
अच्छे अच्छे सिकंदरों ने भी घुटने टेक दिए,
तो तेरे सामने तो पूरा हिन्दुस्तान खड़ा है।।

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8 MAY 2020 AT 23:26

भाई जी नाम से मुझे बुलाते,
अपने का एहसास कराते,
लेखन के जादूगर अर्नव,
अपनी कलम से मन महकाते..

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8 MAY 2020 AT 23:16

हे कलम धारिणी, देवी रूपम,
अद्भुत लेखन तुम्हारा है,
लोगों के सहयोग (collab) में लिखती,
हर शब्द मोती सा प्यारा है..
नाम सा सबको प्रेरित करती,
प्रेरणा नाम तुम्हारा है..

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8 MAY 2020 AT 17:38

धड़कनों को कैसे सुनूँ तेरी,
मेरे आते ही ये रुक सी जाती है. 💕

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7 MAY 2020 AT 15:03

बेवजह ही नहीं हो सकता तेरा रूठना,
मुझसे ही कोई ना कोई गुस्ताखी हुई होगी..
(👇🏻 Read Caption 👇🏻)

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5 MAY 2020 AT 21:33

तुम्हें देखा नहीं कब से,
ना जाने कहाँ खोयी हुई हो..
आ जा वापस अकेला हो गया हूँ मैं,
तेरे जाने के बाद खुद भी खो गया हूँ मैं..

कभी कभी रातों को आसमाँ में देख,
तारों को आपस में जोड़ जोड़ तेरी तस्वीर बनाता था,
टूटते तारे को देखकर हमेशा,
खुदा को तुझे मुझसे मिलने भेज मानता था..

थक गया हूँ मैं, अब तो मिलने आ जा,
मैं तो तुझमें हूं ही, तू मुझमें समाने आ जा..

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4 MAY 2020 AT 12:55

सिर्फ वही जानता है,
देश प्रेम का मोल सिखाते,
रक्षा में प्राण गंवाते..
नहीं जानते वो अपने परिवार और सुख को
हे! फौजी कोई ना जान पायेगा तेरे दुख को..

पूरा देश उनका परिवार है,
लेकिन इसमें भी कुछ खुद्दार है,
रक्षा करने वालों पर
फूल की जगह पत्थर बरसाते है,
आये दिन वो फौजी, कट्टरों की गोली खाते है..

एक दिन सेना को हटाकर, सारी सीमाएं खोल दो,
तब इन्हें अनुभव होगा कि तुम कितनी अनमोल हो.

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4 MAY 2020 AT 12:29

ये देखना कि चलते रहने की तमन्ना कम न हो,
हौंसला कायम रहे तो रास्ता क्या चीज़ है..

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