जीवन
लालसाओं से बना हुआ एक सुंदर चित्र है।
हर इच्छा, हर सपना, हर भावना मिलकर इसका रंग भरते हैं।
अगर इन रंगों को छीन लिया जाए,
और इसे मात्र एक रेखा-चित्र बना दिया जाए,
तो वह जीवन नहीं,
सिर्फ़ एक अधूरा खाका रह जाएगा।
मुझे केवल साँसों से नहीं, रंगों से जीना है।
मुझे केवल होना नहीं, महसूस होना है।
क्योंकि
संतोष वहाँ नहीं मिलता जहाँ केवल जीवन बचता है,
संतोष वहाँ होता है जहाँ जीवन महसूस होता है।-
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Writer, Teacher, Motivat... read more
इतना मुश्किल भी नहीं,
अपने आप को पहचानना।
इस क्षणभंगुर जीवन में,
ना जाने किस बात में खोए है।
दूसरों को तलाशते तलाशते,
अपने आपको ही खोए है।।
भौतिक नींद से जागो मानुष
पहचानो अपने आप को।
शुद्ध करो आत्मा को को,
और धो डालो पाप को।।
आत्मसात करके ही तुम,
करीब होगे जीवन-सत्य के।
मिल जाएगी वो दिशा,
जिस लक्ष्य तक तुमको है जाना।।
इतना मुश्किल भी नहीं,
जब अपने आप को पहचाना।-
एक दूजे का हाथ थाम के,
जिंदगी के उस सफर में निकलते हैं,
जहां हम दोनों एक दूजे के हों..
चलो मेरे साथ,
एक दूसरे का साथ देते हुए,
ज़िंदगी की मुश्किलों को दूर करते है,
बहुत हो गया तन्हाइयों के साथ बिताया समय,
अब एक दूजे के दिलों को पास करते हैं,
चलो मेरे साथ
एक दूजे का हाथ थाम के,
जिंदगी के उस सफर में निकलते हैं,-
तूने क्या सोचा भूखा मर जाएगा भारत,
देख खेतों में किसान खड़ा है।
और चौराहे पर जाने की जिद मत करना,
वर्दी पहन कर वहाँ जवान खड़ा है।।
और तू क्या मारेगा हमें कोरोना,
हमारे देश के हॉस्पिटल में भगवान खड़ा है।
अरे इस देश के सामने तो
अच्छे अच्छे सिकंदरों ने भी घुटने टेक दिए,
तो तेरे सामने तो पूरा हिन्दुस्तान खड़ा है।।-
भाई जी नाम से मुझे बुलाते,
अपने का एहसास कराते,
लेखन के जादूगर अर्नव,
अपनी कलम से मन महकाते..-
हे कलम धारिणी, देवी रूपम,
अद्भुत लेखन तुम्हारा है,
लोगों के सहयोग (collab) में लिखती,
हर शब्द मोती सा प्यारा है..
नाम सा सबको प्रेरित करती,
प्रेरणा नाम तुम्हारा है..-
बेवजह ही नहीं हो सकता तेरा रूठना,
मुझसे ही कोई ना कोई गुस्ताखी हुई होगी..
(👇🏻 Read Caption 👇🏻)-
तुम्हें देखा नहीं कब से,
ना जाने कहाँ खोयी हुई हो..
आ जा वापस अकेला हो गया हूँ मैं,
तेरे जाने के बाद खुद भी खो गया हूँ मैं..
कभी कभी रातों को आसमाँ में देख,
तारों को आपस में जोड़ जोड़ तेरी तस्वीर बनाता था,
टूटते तारे को देखकर हमेशा,
खुदा को तुझे मुझसे मिलने भेज मानता था..
थक गया हूँ मैं, अब तो मिलने आ जा,
मैं तो तुझमें हूं ही, तू मुझमें समाने आ जा..-
सिर्फ वही जानता है,
देश प्रेम का मोल सिखाते,
रक्षा में प्राण गंवाते..
नहीं जानते वो अपने परिवार और सुख को
हे! फौजी कोई ना जान पायेगा तेरे दुख को..
पूरा देश उनका परिवार है,
लेकिन इसमें भी कुछ खुद्दार है,
रक्षा करने वालों पर
फूल की जगह पत्थर बरसाते है,
आये दिन वो फौजी, कट्टरों की गोली खाते है..
एक दिन सेना को हटाकर, सारी सीमाएं खोल दो,
तब इन्हें अनुभव होगा कि तुम कितनी अनमोल हो.-