Sharad Khare   (Shrivatsa)
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Rhymeless shayar❤️
I heal scars by words🙂
Follow if u can feel my words❤️
Joined 16 May 2020


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16 OCT 2020 AT 19:56

आंखें खोलें तो दीदार तुम्हारा होना चाहिए,
अगर करे बंद तो स्वप्न तुम्हारा होना चाहिए,
हमें मरने के लिए हर लम्हा मंज़ूर है,
बस कफ़न के बदले आँचल तुम्हारा होना चाहिए।

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12 OCT 2020 AT 11:03

दोस्ती नाम है सुख-दुःख की कहानी का,
दोस्ती राज है सदा ही मुस्कुराने का,
ये कोई पल भर की जान-पहचान नहीं है,
दोस्ती वादा है उम्र भर साथ निभाने का।

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5 JUL 2020 AT 9:58

हर प्रकार से नादान थे तुम,
गीली मिट्टी के समान थे तुम।
आकार देकर तुम्हें घड़ा बना दिया,
अपने पैरों पर खड़ा कर दिया।

गुरु बिना ज्ञान कहां,
उसके ज्ञान का आदि न अंत यहां।
गुरु ने दी शिक्षा जहां,
उठी शिष्टाचार की मूरत वहां।

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1 JUL 2020 AT 20:49

कोशिश कर, हल निकलेगा।
आज नही तो, कल निकलेगा।

अर्जुन के तीर सा सध,
मरूस्थल से भी जल निकलेगा।

कोशिशें जारी रख कुछ कर गुजरने की,
जो है आज थमा थमा सा, चल निकलेगा।।

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1 JUL 2020 AT 20:36

खुशियों को हर कोई बाँट लेता हैं
पर किसी के गम को बांटना आसान नहीं होता।

किसी जरुरतमंद की मदद करना इंसानियत हैं,
ये किसी पर कोई एहसान नहीं होता।।

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21 JUN 2020 AT 8:32

कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता,
कभी धरती तो कभी आसमान है पिता,
जन्म दिया है अगर माँ ने,
जानेगा जिससे जग वो पहचान है पिता।

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19 JUN 2020 AT 14:44

मां अपने बेटे से -

ऐसी भी क्या मजबूरी थी, ऐसी भी क्या लाचारी थी
कुछ कुत्तों की टोली कैसे, तुम शेरों पर भारी थी


फ़ौजी अपनी मां से -

इतना भी कमजोर नहीं था, मां मेरी मजबूरी थी।
ऊपर से फरमान यही था, चुप्पी बहुत जरूरी थी।

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14 JUN 2020 AT 8:58

ये ज़िन्दगी है तेरी मेरी कहानी,
कभी फूलों की खुशबू कभी बारिश का पानी,
कभी लड़ती भी है कभी झगड़ती भी है,
कभी मुस्कुराकर गले लगाती भी है,
बिना थके, बिना रुके बस चलती जा रही है,
ये जिंदगी है तेरी मेरी कहानी।

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12 JUN 2020 AT 19:10

मेरे वज़ूद की कहानी वो, मेरे सर पे जिसका साया हैं,
माँ तुझसे ये दुनिया मेरी, तुझसे ही जीवन पाया हैं,

हर एहसास तुझसे ही जाना मैने इस जहाँ में आके
है कर्ज़दार उसका ये बेटा, दूध जो तूने पिलाया हैं

मेरे वज़ूद की कहानी वो, मेरे सर पे जिसका साया हैं,
माँ तुझसे ये दुनिया मेरी, तुझसे ही जीवन पाया हैं,

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5 JUN 2020 AT 10:50

प्रकृति ने अच्छा दृश्य रचा
इसका उपभोग करें मानव।
प्रकृति के नियमों का उल्लंघन करके
हम क्यों बन रहे हैं दानव।

ऊँचे वृक्ष घने जंगल ये
सब हैं प्रकृति के वरदान।
इसे नष्ट करने के लिए
तत्पर खड़ा है क्यों इंसान।

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