You are like my morning tea,
That make my mind tention free,
You are like a drug of mine,
The moment hold you, all is fine,
Listening you, is a healing sound,
You are the choice, of the crown.
I am learning skills of you
Colouring the world and people how to.-
❂✿❂✿❂✿❂✿❂
❏❖❏❖❏❖❏❖❏❖❏❖❏
इश्क़ की तंग जो गलियों से गुज़र होगा कभी,
ज़िन्दगी कोई ख़ियाबां सा कहीं होगा तभी,
होंगी खुशियों की बारिशें भी इस क़दर "आतिश",
जैसे बंजर ज़मीं, बहार को लायी हो अभी,
यूँ तो दरिया-ए-आग कहते है इस रस्ते को,
तो क्या जलने के डर से पार ही पाएं न कभी।
❂✿❂✿❂✿❂✿❂
❏❖❏❖❏❖❏❖❏❖❏❖❏-
I pray
For the serenity,
That misses the world,
I observes in
sanctity's world.-
There is no better teacher than our life experiences that not only makes us a good person but also makes us socially, mentally and practically stronger by building our character.
-
वो एक लड़का जो अपनी माँ की आँखों का सितारा था,
वो अपने आप से बिल्कुल नहीं,सिस्टम से हारा था,
बड़ी मेहनत से माँ ने लाल को कॉलेज में भेजा था,
बुढ़ापे का सहारा होगा,ये सपना सहेजा था,
बहुत दुश्वारी थी फिर भी जतन से टॉप करता था,
करूँगा ख़ास कुछ अच्छा ये अपनी माँ से कहता था,
वो आखिर एक दिन आ ही गया था उसके जीवन में,
दिया था जो परीक्षा नौकरी का, नाम था उसमें,
ख़ुशी इतनी थी की पूछो नहीं जैसे की सपना था,
मिठाई लेके सब आते थे जो भी उसका अपना था,
मगर हाय रे! सिस्टम खूब तूने रंग दिखलाया,
परीक्षा रद्द कर दी ऐसा कुछ अखबार में आया,
लगा सदमा जो दिल पे ऐसा की न उसको सह पाया,
ये अजगर रूपी सिस्टम ने किसी के लाल को खाया,
ये किस्सा रोज़ का है कब तलक ऐसे चलेगा अब,
भरोसा उठ चुका है जन की ताकत देख लेना अब,
बदल दो सारी नीति को नहीं तो याद रखना तुम,
बिठाया सर पे था पर अब ज़मी की ख़ाक चखना तुम।
(शाकिब नवाज़)-
▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃
हवायें तल्ख़ हैं और चारों-सू बस बदग़ुमानी है,
यहाँ अपनों का ख़ून, ख़ून है, औरों का पानी है,
यहाँ इन्सानियत एक ताख़ पर ऐसे रखी है कि,
कोई दिवार पर लटकी कोई गुज़री निशानी है,
वबा फैलायी ऐसी है ज़हन बीमार करने को,
की टीके और टोपी के लिए तैयार मरने को,
यहाँ एक माँ का सीना फट रहा और कह रही सबसे,
कोई जाकर तो रोको लड़ रहे बेटे मेरे कबसे,
मेरी ताक़त मेरे दो हाथ ऐसे काटते हो क्यों,
मैं मर जाऊंगी, टुकड़ों में, मुझे तुम बांटते हो क्यों।
▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃-
●○◆○●◇●○◆○●◇●○◆○●◇●○◆○●◇
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
कोई छोटा नहीं है काम,ज़रा दिल से करो,
होगा दुनिया में तेरा नाम,ज़रा दिल से करो,
माथा मत फोड़ दुसरों की तरक्की सुनकर,
बस तरक्की का इंतेज़ाम, ज़रा दिल करो,
कोई रोके ,कोई टोके तू उसकी बात न सुन,
बस अपने काम को तमाम,ज़रा दिल से करो,
तुझको नीचा दिखाने लोग बहुत आएंगे,
तेरी नाकामियों का जश्न भी मनाएंगे,
तूम उनके जश्न के मेहमान खुद ही बनके वहाँ,
उनके जश्न का एहतराम ज़रा दिल से करो,
कोई छोटा नहीं है काम ज़रा दिल से करो।
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
◇●○◆○●◇●○◆○●◇●○◆○●◇●○◆○●◇
❂✿❂✿❂✿❂✿❂
❏❖❏❖❏❖❏❖❏❖❏❖❏-
वो सपनों की दुनिया भी कितनी हसीं है,
मेरे उजले घोड़ों की बग्घी वहीँ है,
जहाँ पंख लगते है पीठों पर मेरे,
जहाँ हर तरफ छाए बर्फ़ो के घेरे,
जहाँ एक क़दम होते कोसों बराबर,
तो खुश होता चंदा को हाथों में लाकर,
जहाँ पर सितारे मेरे दोस्त होते,
अगर नींद आती तो बादल पर सोते,
वहाँ कोई चिन्ता न हमको सताती,
तो हर रोज़ चिड़िया जगाने को आती,
सभी जानवर हमसे मिलने को आते,
तो जंगल की बाते वो हमको बताते,
वहाँ ज़िन्दगी के शहनशाह होते,
कोई दुःख न होता कभी हम न रोते,
यहाँ ज़िन्दगी कश्मकश में फंसी है,
वो सपनों की दुनिया भी कितनी हंसी है।
-
at the time when you live alone
at the time when someone leave you alone.-
◇●○◆○●◇●○◆○●○◆○●◇●○◆○●◇
शब-ए-बद्र में तेरी याद बहुत आती है,
ग़म-ए-फुरकत हमें वीरान किये जाती है,
तेरे रुख़सार के दीदार को मरता है ये दिल,
तू रूबरू न सही आके कभी ख़्वाब में मिल,
आँखें जब बंद करूँ क़ैद तुझे करलूँ वहीं,
ले चलु दूर तुझे इश्क़ की दुनिया में कहीं,
मैं क़मर बनके पेशानी का, पेशानी चूमूँ,
तेरे पाज़ेब की झंकार मैं बनकर झुमुँ,
मैं तेरे मांग का टीका जो कभी बन जाता,
तो तेरे हुस्न की ज़ीनत बनकर इठलाता,
मैं तेरे साथ,तेरे पास हर घड़ी होता,
और एक पल के लिए भी न जुदा ही होता।
●○◆○●◇●○◆○●◇●○◆○●◇●○◆○●◇
-