सपनों की शोर में,
ऊंचाइयों को छूने की होड़ में,
खुद से खुद को मिलने का एक पल तो दो ज़रा,
ठहर भी जाओ ज़रा।।-
YOURSELF,
UNSPOKEN 🙂
आज फिर से तुम्हारी याद इन आँखो को भिगो कर गयी ।
पता नहीं तुम कहाँ हो, कैसे हो,
बस उम्मीद है, तुम जहाँ कहीं भी होगे बहुत खुश होगे ।
इतने खुश कि तुम्हें खुश देख,तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान देख,
ये आँखे भर तो आए ,मगर खुशियों की आंशु से ।।-
गल्तियां तो हर किसी से होती है,
जब आज तक हर किसी को उसकी गल्तियों केलिए माफ़ किया है,
तो आज एक बात बताओ...
क्यूँ खुद को उन गल्तियों की सज़ा देते आ रहे हो जो तुमने कभी की ही नही ?
खुद को माफ़ करना तुम्हारे लिए इतना मुस्किल क्यूँ है?
एक बार बस एक बार खुद को माफ करके तो देखो ।।
-
कभी कभी इन्सान बखुबी से छिपा लेते है अपने गहरे से गहरे ज़ख्म,
बस उसी एक प्यारी सी मुस्कुराहट के पीछे ।।
-
मुझसे दुर जाने का तरप उन आंसुओं के ज़रिये देखा ही नही, मेहसूस भी किया था मैनें ।।
बस कभी ज़ाहिर नहीं किया, पर ज़ाहिर नही किया इसका ये मतलब नहीं की मैने प्यार हीं नही किया ।।
-
कैसे बयाँ करू मैं इनके प्यार को ...
कभी रोते तो नाही देखा,हां आँखों में आँसू छिपाते देखा है ।
खुद उसी एक खिसी हुई चप्पल में सालों गुजार लेते,पर हमारे लिए हर साल नया तोहफा लाते देखा है ।
कभी परेशान तो नही देखा, पर हा उस एक मुस्कुराहट के पीछे अपनी सारी परेशानियों को छिपाते देखा है ।।
-
वो पूछते हैं मुझसे दोस्त कैसा होता है,
तभी मेरी मुस्कान ने जवाब दे दी ,
दोस्त ऐसा होता है ।।-