shanu misra   (Shanu misra)
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Lucknow
Joined 29 March 2018


Lucknow
Joined 29 March 2018
12 OCT AT 21:49

"थोड़ी सी गुफ़्तगू हो जाए तो,तस्कीन हो दिल-ए-मुज़्तर को मेरे मगर,

क्या करें इतने बे-परवाह हैं वो,इतने बे-ख़याल हैं वो अब"

तस्कीन-- तसल्ली
दिल-ए-मुज़्तर - बेचैन दिल

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5 OCT AT 0:42

"अब तो सितारों को भी नींद आ गई होगी 'शनु ' !

मुंतज़िर क्यूँ हो उसके, जिसको आना ही न था !!"


*मुंतज़िर ---- in waiting

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28 SEP AT 22:43

"कैसे खिलें अरमानों के फूल,
इस दिल के चमन में !
न कोई बागबां अपना है,
न कोई उम्मीद-ए-बहार"

चमन--फुलवारी
बागबां--gardener
उम्मीद-ए-बहार-- hope of spring

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25 SEP AT 19:00

"मेरा अहवाल मुझसे नहीं,
मेरे चश्म-ए-यार से पूछो !
क्या होता है दर्द-ए-दिल,
किसी बीमार-ए-इश़्क से पूछो"


अहवाल--हाल
चश्म-ए-यार-- eyes of beloved
दर्द ए दिल-- दिल का दर्द
बीमार-ए-इश़्क--प्रेम के रोग का रोगी

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24 SEP AT 10:01

"ख़ुद ही मिटा दिया 'शनु' हर नक़्श,
उसकी याद का मैंने!

अब हर शाम तन्हा है ,
तो गिला कैसा,शिकवा कैसा"

नक़्श---निशान


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23 SEP AT 19:14

"दिल में इक दर्द सा उठा, अश्क-बार हो गईं आँखें मेरी !
यूँ ही बैठे थे,कैसे बताएं,
क्या याद आया"


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19 SEP AT 12:42

"गर तू पिलाए अपने हाथों से,
जाम-ए-ख़ुशगवार मुझे !
ता-ब-हश्र न होगा मेरी जाँ कभी, ख़ुमार मुझे"

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13 SEP AT 18:58

"दर कितने ही वा( खुले)क्यूँ न हों,
कदम किसी जानिब(ओर) बढ़ाता नहीं मैं!
शहर नया हो,या हो पुराना,
किसी से रब्त (सम्बन्ध)बढ़ाता नहीं मैं"

"आग़ाज़-ए-सफ़र-ए-इश़्क उन्हीं से, मंज़िल-ए-इश़्क भी वही!
नामुुकम्मल रह गया मेरा इश़्क 'शनु',
आरज़ू-ए-इश़्क किसी से जताता नहीं मैं"

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10 SEP AT 23:59

"कह दो उनसे,हिजाब में भी न आएं मेरी मय्यत पे वो !

उनके लग़्ज़िश-ए-पा,बयां कर देंगे राज़-ए-इश्क हमारा"


मय्यत--dead body
लग़्ज़िश-ए-पा-पैैरों की लड़खड़ाहट

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30 AUG AT 18:18

"उनका दीदार हो ज़हे-क़िस्मत,न हो तो शिकवा कैसा!

हम तो महव-ए-तसव्वुर-ए-यार हैं,वो आएं,न आएं "



जहे-किस्मत--अहो भाग्य
महव-ए-तसव्वुर ए यार-- beloved ke ख्याल में लीन

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