Shantanu Srivastava   (Shantanu srivastava)
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में कोई लेखक नहीं हूँ
बस पानी में बहता हुआ एक कोरा कागज हूँ
Tape a tale performer
Joined 9 May 2020


में कोई लेखक नहीं हूँ
बस पानी में बहता हुआ एक कोरा कागज हूँ
Tape a tale performer
Joined 9 May 2020
21 MAY AT 22:47

बचपन

खुश थे हम , जब गोद में थे हम
दुनिया जहां की बातें छोड़ , बस लोगो को निहारते थे हम
हमें हंसता देख , खुश हो जाते थे सब, तो कुछ पाने के लिए बस रो देते थे हम
बिना कुछ बोले अपने धुन में रहते थे , किसी को कुछ समझ न आ जाए ऐसी भाषा बोलते थे हम
उंगली हमारी जीवन रक्षा होती थी , तो सबके आंखों के तारे रहते थे हम
टॉफी हमारी कमजोरी थी , जो दे दिया उसी पे फिदा हो जाते थे हम
घूमना तो पैदा होते ही पसंद था , इसलिए जो घुमा दिया उसी के पास सो जाते थे हम
खाना पीना समझ कहा आता था , जब रोए तो बस दूध पकड़ा दिया जाता था हमें

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21 MAY AT 10:44

टूटे हर एक ख्वाब को अब बिखरे रहने देना चाहता हूं
तेरी बनाई हुई बातों को अब ढकना चाहता हूं
होते होंगे आशिक जो अपने प्रेमिकाओं को खुश देखना चाहते है , पर
मैं तो तुझे बर्बाद होते हुए भी नहीं देखना चाहता हूं

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5 MAY AT 23:22

नजरें उनसे कुछ यूं टकराई , कि मैं उन्हें देखता रह गया
उनकी सुंदरता को पढ़ना शुरू किया , तो लिखता रह गया
आँखें , काजल ,बिंदी और न जाने क्या - क्या लिख दिया
पर उन्होंने अपना झुमका गिरा के उसे पूर्ण विराम दे दिया

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5 MAY AT 23:03

दिल से कोई बात लगाता नहीं
दिल की बातें अब करता नहीं
कर लेता हूं मैं अब , सबसे हस के बातें
अब दिल में छुपाता कुछ नहीं

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5 MAY AT 22:38

चलो आज फिर रात से बातें करते है
उनकी यादों को फिर से सांझा करते है
लौट गए थे जो तारे , मुझे रोता देख के
आज चांद से उनका पता पूछते है

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3 MAY AT 0:27

लगाते होंगे लोग अपनी यादों को अपने दीवारों पे
में तो बस उन्हें याद कर के हस देता हूं 😊

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26 APR AT 11:19

सफेद सूट और मुस्कान पहने वो मुझ से मिलने आ ही रही थी कि,
मुस्कान देख फूल खिल उठा , और वो उन्हें भी खुद में पिरोने अपने साथ ला रही थी

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18 APR AT 7:47

चाय का प्यार


दिल की धड़कन को शांत करने के लिए मेरे कदम चाय की टपरी की ओर चल देते है
टपरी खुली हो नहीं , मेरी निगाहे उनके घर पे टिक जाती है
चायवाले की बातें बीच में न आए , इसलिए वो चाय मेरे सामने रख देता है
सामने बैठी चाय की प्याली मुझसे पूछती है, की ऐसा क्या है उसमें जो मुझ में नहीं है
उनका इतंजार इतने बेसब्री से करता है तू कि, की पता ही नहीं चलता तूने कितनी कप चाय पी ली है
आखिर इतना सब कुछ तू बस उनकी झलक पाने के लिए क्यों करता है
तो मैने हस के उससे कहा कि
जब वो गिले बालों को सुखाने अपने बालकनी में आती है , तो मेरे दिल की धड़कन तेज हों जाती है
लाल रंग का सूट पहने , जैसे उन्होंने बालकनी में आग लगा दी हो
तोलिए से बालों का पानी , मानो जैसे झरने की बौझार बन मेरे चेहरे पे आ रहा हो
माथे पे काली गोल बिंदी , मेरे नज़र को बस वही थाम रही हो
उनकी आंखों के काजल का कहर ऐसा , जैसे मानो मुझे मेरा पता पूछ रही हो
तभी सूरज की पहली किरण पड़ जाती है , और उनके चेहरे को निखार देती है
बस फिर क्या ! मेरी सुबह तो वही हो जाती है

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13 APR AT 10:27

ज़िंदगी के पन्नों में....


पढ़ने का मन नहीं होता , लेकिन फिर भी पढ़ लेता हूं
इतनी मोटी पुस्तक मैं हमेशा साथ ले के चलता हूं
कही हंसना तो कही रोना पढ़ के , मन शांत कर लेता हूं
गीला पन्ना देख , में आगे बढ़ जाता हूं ,
जिस पन्ने पे सबसे ज्यादा खुश था वो पन्ना मोड़ देता हूं
दुख का पन्ना पढ़ के , उसे जला देता हूं ,
गलतियों का पढ़ के , उसे फाड़ के रख लेता हूं
बातें करने को कोई है नहीं , तो कुछ पन्ना खाली रखा हूं
घूमने का बहुत दिल करता है , इसलिए आखिरी पन्ने पे पेंसिल रखा हूं
सपने तो बहुत ढेर सारे है , इसलिए हर रोज उसे पढ़ता हूं
एक पन्ना जो उड़ गया था , उस पन्ने को अब तक ढूंढ रहा हूं
इसलिए में उस पन्ने को प्यार का नाम देना चाहता हूं ।

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12 APR AT 20:44

Nobody will take care of you , if you are a boy and struggling to get a good job or building a good life

I said " Nobody "

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