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न रूप न रंग पे मीत मिलें, ना चंचल चित चिताए,
जो आचरण सांचे रचे, वही सांचा प्रेम कहाए।-
चेहरे की चमक से नहीं, मन के उजाले से प्यार होता है,
जो पुरुष समझे भाव को, वही सच्चा इश्क़ निभाता है।-
तेरे सीने की बेचैन धड़कनों में उतर कर, मैं दर्द का तराना बुनती हूँ,
हर अधूरी बात को अपने जूड़े में फूल बना के सजाती हूँ।-
ना जाने क्यों ये बात हृदय में घर कर बैठी है,
कि, लोग हमें उतना ही अपनाते हैं,
जितना उनको हमारी ज़रूरत होती है।
वो हँसी, जो कभी लबों से झलकती थी,
अब ख़ामोशी में लिपटी सी रहती है।
वो हाथ जो कभी थामा करते थे,
अब ज़रूरत पड़ने पर ही उठते हैं।
कभी जो बातें दिल से दिल तक जाती थीं,
अब फ़ोन की घंटियों में खो जाती हैं।
और जो रिश्ते बेपनाह लगते थे,
वो वक्त के साथ-साथ फ़ना हो जाते हैं।
क्या हम इतने ही थे...?
एक मोहर, एक सहूलियत...?
या फिर लोग ही बदल गए हैं,
जिन्होंने अपने मतलब की ज़ुबान बनाई है।
पर फिर भी दिल ये उम्मीद करता है,
कि कहीं तो कोई होगा,
जो हमें बिना वजह चाहेगा,
बिना ज़रूरत भी याद करेगा।
हम भी ऐसे ही होगें किसी-ना-किसी कि नजरों में
इसलिए हमें भी एैसा ही मिल रहा हैं-
I'm tired of acting like I'm not hurting,
Smiling outside, but inside—it's burning.
Every small thing cuts me deep,
Even in laughter, I silently weep.
They think I'm strong, but they can't see,
How broken this heart has come to be.
I wear a mask, play the part,
But silent tears flood my heart.
No one asks, "Are you okay?"
So I lie, and say I'm fine each day.
But truth is, I’m falling apart so slow,
Holding back pain I never show.
I wish someone could truly feel,
The wounds I hide that never heal.
I'm not asking much—just to be heard,
In this loud world, without a word.-