जब मानसिक पीड़ा
शारीरिक पीड़ा का रूप ले लेती हैं-
✍️ Poet • Writer • Dreamer
📍 Spreading love, warmth & soulful t... read more
ना कुछ सुनने को जी चाहता है,
और ना ही कुछ कहने को जी चाहता है।
क्योंकि मुझे तुम्हारी
तीखी डाँट से भी दिक़्क़त होती है,
और मीठी मार से भी।
मुझे तो मेरा
ख़्याली पुलाव ही अच्छा लगता है
जो तुम्हारे नाम का है।
माना कि इश्क़ का इज़हार करना नहीं आता है,
आता है तो बस तुम्हारे ख्यालों में खोना।-
ये रौनक-ए-आलम सिर्फ तुमसे है,
बस तुम झूठी तस्सल्ली न दो मुझे।
ज़्यादा कहने को जी नहीं चाहता है,
ख़ामोशी से ही तुम्हें बस ये दिल चाहता है।
वो कहते हैं न
पानी-पानी रटते-रटते, प्यासा ही मर जाता है,
लब पे एक चिंगारी रख लो, लब फ़ौरन जल जाता है।
तुम्हारे आने की दस्तक से
मेरा हृदय-कमल भी, फ़ौरन खिल जाता है… 💜-
जागूँ तो दुनिया हर रोज़ आँसू उधार दे जाती है,
सो जाऊँ तो मेरी चुप्पी ही सबका हिसाब माँगती है।-
तुम्हारी बाहों में जो सुकून मिला है
वो पूरी दुनिया की दौलत से भी भारी लगता है-
प्रेम हमें वह बना देता है
जो हम कभी थे ही नहीं
—या शायद वही जो हम सदा से थे।
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