हर पन्ने पर ख़्वाब लिखा है
ज़ख़्मों की स्याही से हमनें
एक किताब लिखी है
ज़ालिम ये दुनिया, ज़ालिम ये ज़हान है
सुना था हमनें हर ज़गह
कितने रहमदिल हैं ये पता किया नहीं हमनें
कपड़े मैले ज़रूर हैं
पर दाग़ नहीं है इसमें...!!- Shanky❤Salty
23 APR 2021 AT 20:24