Shañkar Sachin   (Shañkar_Sachin)
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Joined 14 July 2018


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Joined 14 July 2018
22 FEB AT 21:49

दुनिया जमाने से किनारा करने लगा हूं मैं
नहीं मालूम उजाला या अंधेरा करने लगा हूं मैं,
दिखावे का अपनापन नहीं पसंद अब मुझको,
अपने-आप से ही अब गुज़ारा करने लगा हूं मैं।

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2 DEC 2024 AT 20:26

अपनी नाराज़गी भी हम सबको मुस्कुराकर जताते हैं,
बस इसीलिए हमारा दर्द लोग समझ नहीं पाते हैं।।

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2 DEC 2024 AT 20:25

अपनी नाराज़गी भी हम सबको मुस्कुराकर जताते हैं,
बस इसीलिए हमारा दर्द लोग समझ नहीं पाते हैं।।

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2 DEC 2024 AT 20:25

अपनी नाराज़गी भी हम सबको मुस्कुराकर जताते हैं,
बस इसीलिए हमारा दर्द लोग समझ नहीं पाते हैं।।

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6 NOV 2024 AT 22:15

मोहब्बत हो या नफ़रत सब स्वीकार करता हूं,
मैं ने कब कहा कि जमाने से मैं प्यार करता हूं।

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3 NOV 2024 AT 0:36



दिल जलता है तो दिल जलाने भी आता है,
मुझे मुहब्बत प्यार वफा निभाने भी आता है।
मिट जाने का हुनर भी आता है जमाने पर ,
दिल उदास हो तो सब कुछ मिटाने भी आता है।

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26 OCT 2024 AT 20:23

अब दिल में ना जाने क्यूं मेरे दर्द नहीं होता,
अब बस दिमाग ख़राब होता है और बदले की भावना आती है।

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1 OCT 2024 AT 9:58

दिल में दर्द होता है मगर अब मुझे फर्क नहीं पड़ता,
ऐ जिन्दगी मुझे मत आजमा मुझे तुझसे डर नहीं लगता।

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30 SEP 2024 AT 21:43

बहुत ही सोच समझकर जमाने में कदम रखता हूं,
मुझे मालूम है लोग अपने स्तर पर ही खींच लाते हैं।

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30 SEP 2024 AT 21:33

अपने घर के मसले आपस में ही सुलझा लिया करो,
ग़ैरों को शामिल करोगे, तो बर्बादी तयं है।

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