जहां होना था एक अरसे पहले
शायद तू वहीं नहीं है,
जी तो रहा है तू अपनी ही दुनिया में
पर असल में तू कहीं नहीं है
मुस्कुराहटों की ना कर उम्मीद
वो तो बस कहीं-कहीं है,
एक वक्त जो तू छोड़ आया,
खुशियों से मुंह मोड़ आया,,
कैसे मिलें अब तेरे हिस्से की खुशी तुझे
शायद तेरे हिस्से में अब तू खुद नहीं है।।
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